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सेक्स और मेकअप दोनों में से किसे चुनेगीं दिशा पाटनी, जानिए क्या था दिशा का जवाब


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मुंबई – इस मॉडर्न जमाने में न केवल महिलाओं का किरदार बदल रहा है बल्कि औरतों सिर्फ बच्चा पैदा करने के लिए ही हैं, इस सोच को भी दरकिनार किया जा रहा है। आज की लड़कियां-लड़कों की तरह स्वतंत्र हैं। वह न अपनी मर्जी की मालकिन हैं बल्कि परिवारवाले भी इस चीज का सपोर्ट करते दिख रहे हैं। हॉट एंड बोल्ड एक्ट्रेस की लिस्ट में शामिल दिशा पाटनी उन्हीं में से एक हैं, जो अपने एक जवाब से लाखों लड़कियों के लिए परफेक्ट इंस्पिरेशन बन गईं।

दरअसल, दिशा पाटनी जब बहुत ज्यादा पॉपुलर नहीं थीं, तब उन्होंने एक एंटरटेनमेंट पोर्टल को इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू में उनसे कुछ नॉटी सवाल किए गए थे। जिसका जवाब उन्होंने बहुत ही बेबाकी से दिया था। इस इंटरव्यू में दिशा से सवाल किया गया था कि अगर उन्हें महीने में एक बार सेक्स और सालभर का मेकअप, दोनों में किसी एक चीज को छोड़ना पड़े तो वह किसे चुनेंगी? इसका इसका जवाब देते हुए एक्ट्रेस ने कहा कि मैं बहुत ज्यादा मेकअप नहीं करती हूं इसलिए मुझे लगता है कि मैं मेकअप को छोड़ दूंगी।

वहीं जब उनसे पूछा कि अगर आपको पूरी जिंदगी गीले अंडरवियर में रहने के लिए कहा गया या फिर साल में एक बार नहाने को कहा जाए तो आप किसे चुनेंगी? तो दिशा कहती हैं कि गीला रहना कुछ ज्यादा ही हो जाएगा इसलिए साल में एक बार शॉवर लेना ही ठीक है। मैं गीले अंडरवियर नहीं पहन सकती। इस दौरान दिशा के चेहरे के हाव-भाव ऐसे थे, जो बता रहे थे कि वह आज की नारी हैं, जो न केवल बिंदास होकर जवाब देना जानती हैं बल्कि उन्हें पर्सनल चीजों पर बात करने में कोई परेशानी है।

एक स्टडी के मुताबिक अगर सेक्स की पहल लड़कियां करती हैं, तो उनमें खेद की भावना जन्म लेती है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज़्यादा अफसोस और पछतावा महसूस होता है। जबकि यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस के प्रोफेसर डेविड बज का कहना है कि ‘अगर सेक्स के लिए महिलाएं पहल करती हैं, तो एक तो उनके दिमाग में सकारात्मक भावना जन्म लेती है। साथ ही वह अपने पार्टनर के साथ ज्यादा सहज महसूस कर पाती हैं। ऐसे में खेद की भावना महिलाओं के भीतर न के बराबर आती है, क्योंकि इसमें किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं होता है।’ हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह है कि सेक्स कोई टेबो नहीं है, जिस पर बात करने से घबराया जाए। संबंध बनाने में महिलाओं की मर्जी भी ख़ास मायने रखती है। यही एक वजह भी है कि इस पर बात न करके आधे से ज्यादा महिलाएं खुद को दबा हुआ महसूस करती हैं।

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