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इस पाकिस्तानी हसीना के प्यार में पागल थे देव आनंद, बेइंतहा मोहब्बत के बावजूद न हो सके एक


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मुंबई – भारतीय फिल्म स्टार की न सिर्फ फिल्में पसंद की जाती हैं बल्कि लाखों लोग उन्हें अपना आइडल भी मानते हैं और उन्हें पूजते भी हैं. फैंस दी अपने पसंदीदा अभिनेता के प्रति दीवानगी तो आप कई बार देख ही चुके हैं. पुराने दौर में जहां कई फैंस अपने कमरों की दीवारों पर स्टार्स के पोस्टर्स लगाते थे तो आज के दौर में टैटू का चलन है. कुछ जबरा फैन तो ऐसे भी होते हैं जो अपने पसंदीदा अभिनेता से मिलने के लिए कोषों पैदल चलकर मुंबई भी जाते हैं और तमाम उनके लिए अपनी जान तक दे देते हैं. आज हम एक ऐसे ही सुपरस्टार के बारे में बात करेंगे जिसके फैन बेस बहुत ज्यादा है लेकिन उन्हें अपने प्यार को हासिल करने की खातिक जान से मारने की धमकी मिली थी.

देव आनंद इतिहास में सबसे महान और सफल अभिनेता

हम बात कर रहे हैं देव आनंद की, जिन्हें भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे महान और सफल अभिनेताओं में से एक के रूप में जाना जाता है. जो अब हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी अनगिनत यादें जरूर हम हमेशा अपने जहन में रखेंगे. देव आनंद को उनके शानदार लुक्स और अनोखी डायलॉग डिलीवरी के लिए आज भी याद किया जाता है. इसके साथ ही उनका व्हाइट शर्ट के साथ काला कोट पहनने का अंदाज भी काफी ट्रेंड में था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके काले कपड़े पहनने पर बैन लगा दिया गया था? जी हां, आज बात करेंगे उनकी जिंदगी और स्टारडम के कारण हुए संघर्षों के बारे में.

देव आनंद का जन्म

देव आनंद, जिनका जन्म 26 सितंबर, 1923 को ब्रिटिश भारत के पंजाब में धर्मदेव पिशोरिमल आनंद के रूप में हुआ था, एक प्रतिष्ठित परिवार से आते थे. गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में बीए पूरा करने के बाद देव आनंद 1940 के दशक की शुरुआत में बंबई चले गए.वहीं पर एक अकाउंटिंग फर्म में शामिल होने से पहले उन्होंने सैन्य सेंसर कार्यालय में बतौर क्लर्क काम किया. अशोक कुमार के प्रदर्शन से प्रेरित होकर, उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री की और हम एक हैं (1946) में अपनी पहली मुख्य भूमिका निभाई. शूटिंग के दौरान, उन्होंने गुरु दत्त से दोस्ती की और एक-दूसरे के करियर को समर्थन देने के लिए एक समझौता किया. उन्होंने अपने करियर में तकरीबन 100 फिल्मों में काम किया था जो ज्यादातर हिट ही रहीं.

देव आनंद ने अभिनेत्री सुरैया कई सफल फिल्मों साथ अभिनय किया

1940 के दशक के अंत में देव आनंद ने विद्या (1948) और जीत (1949) जैसी कई सफल फिल्मों में सिंगर- अभिनेत्री सुरैया के साथ अभिनय किया, जिससे एक रोमांटिक रिश्ते की शुरुआत हुई. हालांकि, उनके प्यार को धार्मिक मतभेदों के कारण बाधाओं का सामना करना पड़ा, जिसके कारण सुरैया अविवाहित रहीं. सुरैया संग शानदार ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री के बावजूद, देव आनंद असल जिंदगी में उनके न हो सके. उन्होंने अक्सर इंटरव्यू में सुरैया के साथ अपने संबंधों पर चर्चा की, उनके जीवनकाल के दौरान और उनके निधन के बाद भी वे एक्ट्रेस को याद करते रहे.

पब्लिक प्लेस पर काले कोट पहनने पर कोर्ट को पाबंदी लगानी पड़ी थी

अब बात करते हैं कि आखिर क्यों उनके काले कपड़े पहनने पर बैन लगाया गया था. दरअसल, फिल्म ‘काला पानी’ से उनका ये स्टाइल खासा पॉपुलर हो गया था और लोग उनकी कॉपी तक करने लगे थे. उस दौरान अभिनेता के काला कोट को लेकर फीमेल फैंस की दीवानगी बढ़ती ही जा रही थी और एक वक्त ऐसा भी आया जब एक्टर के पब्लिक प्लेस पर काटा कोट पहनने पर कोर्ट को पाबंदी लगानी पड़ी थी.ऐसा सुनने में आया था कि देव आनंद के काले कोट में देखने के लिए लड़कियां छत से ही कूद पड़ती थी. आनंद से पहले शायद ही ऐसी शख्सियत को ऐसा प्यार मिला हो. इसी तरह एक एक दुखद घटना के बाद जहां एक महिला फैन ने दिल्ली के ऐतिहासिक कुतुब मीनार से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट ने अभिनेता के काले कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि उनकी प्रशंसक अक्सर उन्हें काले रंग में देखकर मंत्रमुग्ध हो जाती थीं. भारत के पसंदीदा आइकन स्टार की मौत 2011 में हुई थी.

कैसे शुरू हुई थी देव आनंद की पहली मोहब्बत?

23 सितंबर 1923 को शकरगढ़ (पाकिस्तान) में जन्मे देव आनंद कम उम्र में मुंबई एक्टर बनने आ गए थे। दो साल उन्होंने मायानगरी में संघर्ष किया और फिर उन्हें अपनी पहली फिल्म मिली ‘हम हैं एक’। इसके ठीक दो साल बाद ही देव आनंद को उस वक्त की सफल अभिनेत्री-सिंगर सुरैया के साथ ‘विद्या’ मूवी मिल गई, जिसने उनकी जिंदगी बदल दी।देव आनंद प्यार से सुरैया को नोसी बुलाते थे और वो उन्हें स्टीव कहकर बुलाती थीं. साल 1949 में फिल्म जीनत की शूटिंग के दौरान शादी की प्लानिंग के बावजूद सुरैया का परिवार ब्रेकअप का कारण बना. उन्होंने एक्टर को जान से मारने की धमकी भी दी. बाद में प्यार की खातिर लाहौर में जन्मीं सुरैया आजीवन अविवाहित रहीं, जबकि देव आनंद ने 1954 में कल्पना कार्तिक से शादी की, जिनसे उनके दो बच्चे हुए.

देव आनंद और सुरैया में कैसे हुआ इश्क?

देव आनंद का प्यार एक तरफा नहीं था। साथ में काम करते-करते सुरैया भी उनसे मोहब्बत करने लगी थीं। साल 2004 में सिमी गरेवाल के साथ बातचीत में देव आनंद ने बताया था कि उन्हें सुरैया से कैसे प्यार हो गया था। देव आनंद ने कहा था-मैं नादान और शर्मीला हूं। वह मशहूर और सफल थीं। अपोजिट होने की वजह से हमारे बीच अट्रैक्शन हुआ। यह मेरा पहला कठिन प्यार था और मुझे हो गया। मुझे लगा कि मुझे एक खूबसूरत लड़की से प्यार हो गया। हमारे बीच का रिश्ता फिजिकल से ज्यादा एक-दूसरे की यादों में खोए रहने वाला था।

सुरैया ने फेंक दी थी देव आनंद की भिजवाई अंगूठी!

कई बार दो प्यार करने वालों के बीच अपने ही दीवार बन जाते हैं। देव आनंद और सुरैया के साथ भी कुछ ऐसा ही था। दोनों भले ही एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे, लेकिन उनके बीच धर्म और परिवार दीवार बनकर खड़ी हो गई थी।

देव आनंद और सुरैया की लव स्टोरी में कौन था विलेन?

देव आनंद हिंदू थे और सुरैया मुस्लिम। अलग-अलग धर्म की वजह से सुरैया का परिवार नहीं चाहता था कि वह देव आनंद से शादी करें। उनके रिश्ते के सबसे ज्यादा खिलाफ अभिनेत्री की दादी थीं। देव आनंद ने एक बार कहा था कि सुरैया की दादी उन्हें पसंद नहीं करती थीं। एक्टर ने फिल्म सेट का एक किस्सा भी सुनाया था। उन्होंने कहा-

जिंदगी भर कुंवारी रहीं सुरैया

देव आनंद से जुदा होने के बाद सुरैया ने जिंदगी भर शादी नहीं की। हालांकि, देव आनंद ने अपनी को-स्टार कल्पना कार्तिक से साल 1954 में शादी कर ली थी। उनके दो बच्चे सुनील और देविना हुए।इस घटना के बाद सुरैया देव आनंद से मिल नहीं पाईं और न ही उनसे बात कर पाईं.वे अलग-अलग धर्मों से थे, जिसके कारण उनकी दादी ने उनकी शादी का कड़ा विरोध किया था.

“रोमांसिंग विद लाइफ”

देव आनंद ने अपनी आत्मकथा “रोमांसिंग विद लाइफ” में अपने और सुरैया के रिश्ते का भी जिक्र किया है.रिपोर्ट्स के मुताबिक जब सुरैया के परिवार वालों ने देव आनंद को जान से मारने की धमकी दी तो वह पीछे हट गईं थी.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देव आनंद ने सुरैया को भगाकर उनसे शादी करने की योजना बनाई थी, लेकिन सुरैया की दादी को इसका पता चल गया था.

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