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खरीदा है घर तो ITR भरते वक्‍त कर लें यह काम,प्रॉपर्टी बेचकर हुई कमाई पर भी देना होता है टैक्स


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नई दिल्ली – भारत में लोग अपने आर्थिक लक्ष्यों एवं व्यक्तिगत ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूसरा घर खरीदते हैं. अध्ययनों से पता चला है कि भारतीयों में होलीडे होम की मांग बढ़ रही है. साल 2021 में सेकंड होम पर कुल 1.394 बिलियन डॉलर (करीब 10 हजार करोड़) का खर्च किया गया. घर खरीदने का फैसला लेने से पहले लोकेशन, पैसे और कानून आदि कारकों को ध्यान में रखना ज़रूरी है.

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54 के मुताबिक, अगर आप कोई मकान बेचते हैं और इस तरीके से हुई आय तय अवधि के भीतर (2 साल के भीतर खरीद या 3 साल के भीतर नई प्रॉपर्टी का कंस्ट्रक्शन) कोई अन्य घर खरीदने में खर्च करते हैं तो शुरुआत में जिस प्रॉपर्टी को बेचकर आपने कैपिटल गेन कमाया था उस पर टैक्स में छूट मिल सकती है.जब आपने घर खरीदा था तब उसकी कीमत 20 लाख रुपए थी.अब आप इसे 42 लाख रुपए में बेच रहे हैं.आपको 22 लाख रुपए का कैपिटल गेन (मुनाफा) हुआ.आपको इस पर 3% सरचार्ज और सेस (उपकर) के अलावा 20% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स भी देना होगा. हालांकि, यदि आप पुराने घर की बिक्री से हुई आय से कोई अन्य मकान खरीदते हैं तो आपको इस टैक्स से छूट मिलेगी.

स्टाम्प ड्यूटी पर टैक्स छूट का दावा व्यक्तिगत मालिकों, सह-मालिकों या हिंदू अविभाजित परिवारों द्वारा किया जा सकता है. संयुक्त स्वामित्व के मामले में, छूट सह-मालिकों को उनके हिस्से के अनुसार दी जाती है. इसके लिए प्रॉपर्टी का सभी मालिकों के नाम पर पंजीकृत होना और उनके द्वारा स्‍टांप ड्यूटी चुकाई जानी अनिवार्य है. अगर प्रॉपर्टी के हिस्‍सेदारों के अलावा कोई अन्‍य व्‍यक्ति स्टाम्प ड्यूटी चुकाता है, तो फिर टैक्‍स कटौती का लाभ संपत्ति के सह-मालिकों को नहीं मिलेगा.स्‍टांप ड्यूटी पर टैक्‍स छूट का लाभ उसी वित्‍तीय वर्ष में उठाया जा सकता है, जिस फाइनेंशियल ईयर की आईटीआर फाइल की जा रही है. इसका मतलब है कि आप वित्‍त वर्ष 2023-24 की आईटीआर भरते वक्‍त इसी वित्‍त वर्ष में चुकाई गई स्‍टॉप ड्यूटी पर ही छूट का दावा कर सकते हैं, इससे पिछले वित्‍त वर्ष में खरीदे मकान के लिए नहीं.

इनकम टैक्स कानून के हिसाब से अगर प्रॉपर्टी खरीदने के तीन साल के अंदर बेच दी जाए तो इससे होने वाले मुनाफे को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाता है.घर या प्लॉट बेचने से हुए मुनाफे की इस रकम को आपकी कुल आमदनी में जोड़ा जाएगा और उसके बाद आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से इस पर टैक्स वसूला जाएगा.अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने के बाद 3 साल रखते हैं और फिर उसे बेचते हैं तो इससे होने वाला मुनाफा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) माना जाएगा. इस तरह की आमदनी पर आपको इंडेक्सेशन (समय के हिसाब से प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ने) के लाभ के बाद 20.8% के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ेगा.

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