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Tokyo Olympics से बाहर हुईं मैरीकॉम, मैच के बाद अपने खेल भावना से जीता सबका दिल


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टोक्यो – भारत की दिग्गज महिला मुक्केबाज और छह बार की विश्व चैंपियन मैरी कॉम ने गुरुवार, 29 जुलाई को बॉक्सिंग रिंग में अपना सबकुछ झोंक दिया, लेकिन वह क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने से चूक गईं। राउंड ऑफ 16 में खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में कोलंबिया की तीसरी वरीयता प्राप्त इंग्रिट वालेंसिया ने मैरी कॉम को मात देकर उनका ओलंपिक में पदक जीतने के सपने को तोड़ दिया है।

राउंड ऑफ 16 में खेले गए इस मैच में बेशक मैरी कॉम को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इस मुकाबले के बाद भारतीय महिला बाक्सर की रिएक्शन ने सबका दिल जीत लिया। दुनिया के अलग – अलग बॉक्सिंग खिताब पर कब्जा जमाने वाली मैरी कॉम का ओलंपिक में पदक जीतने का सपना अधूरा रह गया। मैरीकॉम (51 किग्रा) का दूसरा ओलंपिक पदक जीतने का सपना गुरुवार को टूट गया। कई बार की एशियाई चैम्पियन और 2012 लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मैरीकॉम ने इस चुनौतीपूर्ण मुकाबले में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, लेकिन वह आगे नहीं बढ़ सकीं। यह 38 साल की महान मुक्केबाज का अंतिम ओलंपिक मुकाबला होगा।

जब रेफरी ने मुकाबले के अंत में वालेंसिया का हाथ ऊपर उठाया, तो मैरीकॉम की आंखों में आंसू थे और चेहरे पर मुस्कान थी। जिस तरीके से वालेंसिया पहली घंटी बजने के बाद भागी थीं, उससे लग रहा था कि यह मुकाबला कड़ा होने वाला है और ऐसा ही हुआ। शुरू से ही दोनों मुक्केबाज एक-दूसरे पर मुक्के जड़ रही थीं, लेकिन वालेंसिया ने शुरुआती राउंड 4-1 से अपने नाम कर दबदबा बना लिया।

मणिपुर की अनुभवी मुक्केबाज मैरीकॉम ने शानदार वापसी कर दूसरे और तीसरे राउंड को 3-2 से अपने नाम किया पर शुरुआती राउंड की बढ़त से वालेसिंया इस मुकाबले को जीतने में सफल रहीं। भारतीय मुक्केबाज ने दूसरे और तीसरे राउंड में दाहिने ‘हुक’ का बखूबी इस्तेमाल किया।

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