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Sawan Shivratri 2021: शिव कृपा प्राप्त करने के लिए जरूर करें ये काम


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नई दिल्ली – सावन शिवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा- अर्चना की जाती है।

सावन शिवरात्रि 2021 सावन के महीने में सबसे शुभ दिनों में से एक होती है। सावन शिवरात्रि के दिन हर व्यक्ति को भोलेनाथ का जलाभिषेक करना चाहिए और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। शिव चालीसा का पाठ करने से भगवान शंकर की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सावन का माह भोलेनाथ को समर्पित होता है, जिस वजह से इस माह में पड़ने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। रोजाना शिव चालीसा का पाठ करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। इस शुभ शिवरात्रि के बारे में तिथि, समय और अन्य महत्वपूर्ण विवरण देखें-

सावन शिवरात्रि 2021 की तिथि और समय

दिनांक : शुक्रवार, 6 अगस्त, 2021
निशिता काल पूजा का समय – 12:06 मध्य रात्रि से 12:48 मध्य रात्रि, 07 अगस्त
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा का समय – 07:08 सायं से 09:48 रात्रि
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा का समय – 09:48 रात्रि से 12:27 मध्य रात्रि, 07 अगस्त
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा का समय – 12:27 मध्य रात्रि से 03:06 प्रात:, 07 अगस्त
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा का समय – 03:06 प्रात: से 05:46 प्रात:, 07 अगस्त
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ – 06:28 सायं 06 अगस्त, 2021
चतुर्दशी तिथि समाप्त – 07:11 सायं 07 अगस्त, 2021
शिवरात्रि पारण समय – 05:46 प्रात: से 03:47 दोपहर, 07 अगस्त, 2021

सावन शिवरात्रि 2021 की पूजा विधि

सावन शिवरात्रि पूजा आधी रात को की जाती है, जिसे निशिता काल के नाम से जाना जाता है। इसलिए पूजा शुरू करने से पहले स्नान कर साफ कपड़े पहन लें।

– शिव मंदिर जाएं और शिव लिंग पर गंगा जल, दूध, घी, शहद, दही, सिंदूर, चीनी, गुलाब जल आदि पवित्र जल चढ़ाकर अभिषेक करें. अभिषेक करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करते रहें।
– चंदन से तिलक करें और धतूरा, बेल पत्र और अगरबत्ती चढ़ाएं।
– महामृत्युंजय मंत्र, शिव चालीसा और ॐ नमः शिवाय का 108 बार जाप करें।
– भगवान शिव और देवी गौरी की आरती कर पूजा का समापन करें।

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