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महुआ मोइत्रा पर आचार समिति रिपोर्ट कई खुलासे


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नई दिल्ली – संसद की आचार समिति ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में अपनी रिपोर्ट लोकसभा में पेश कर की, जिस पर लोकसभा में चर्चा के बाद महुआ मोइत्रा को संसद सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है। संसद की आचार की रिपोर्ट में भी पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को संसद सदस्यता से निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी। बता दें कि रिपोर्ट में गंभीर रूप से गलत आचरण के लिए महुआ मोइत्रा को दंड देने की मांग की गई थी। आचार समिति ने महुआ मोइत्रा को लोकसभा की 17वीं लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी।

लोकसभा स्पीकर बिरला निर्णय सभा

लोकसभा स्पीकर बिरला ने इसके बाद तिवारी को संसद और न्यायपालिका में अंतर भी बता दिया। उन्होंने कहा कि यहां निर्णय सभा कर रही है। उन्होंने तिवारी को चेताया कि आप गलत तरीके से चीजों को नहीं रखे, ये रिकॉर्ड में जाती है। ये सभा निर्णय कर रही है।सभा पार्टियां 3 लाइन व्हिप वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि ये न्याय के अधिकार के खिलाफ है। एथिक्स कमिटी के पास किसी को सजा देने का अधिकार नहीं है। ये गलत है। उन्होंने कहा कि हम सदन में जज के रूप में सदन में बैठे हैं।

ममता बनर्जी ने दिया महुआ मोइत्रा का साथ

टीएमसी चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम महुआ मोइत्रा के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा, ”हम महुआ मोइत्रा के साथ हैं। ये गणतंत्र के अधिकारो का हनन है। मुझे लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस बात पर सही रवैया होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ये पूरी संसद के लिए दुख भरा दिन है.”महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता जाने पर विपक्षी सांसद लोकसभा से बाहर आ गए। इसमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल रहीं। इस दौरान सभी विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि बीजेपी और केंद्र सरकार बदले की राजनीति कर रही है। कांग्रेस सासंद अधीर रंजन चौधरी भी महुआ मोइत्रा के समर्थन में नजर आए। उन्होंने कहा, ”ये सब बदले की भावना से किया गया है। सारी कार्रवाई बेबुनियाद तथ्यों पर आधारित है। नई सदन में सबसे पहले महिला सांसद को बलि पर चढ़ाया गया।

महुआ मोइत्रा नैतिकता नहीं

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सुदीप बंदोपाध्याय के तर्क का जवाब देते हुए कहा,‘‘ लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के समय 10 लोगों को निष्कासित किया गया था। उस समय चटर्जी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि आरोपी सांसद समिति के समक्ष पेश हुए, ऐसे में इन्हें सदन में बोलने का अधिकार नहीं है। बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा, कि महुआ मोइत्रा का निष्काशन सभी सांसदों के लिए सीख है. उन्होंने कहा, ”सांसद बनने पर हम संविधान के तहत शपथ लेते हैं। इसमें कुछ नियमों के तहत काम करना होता है. महुआ मोइत्रा के मामले में नैतिकता नहीं थी। ऐसे में यह सब कुछ हुआ। रिपोर्ट सभी पक्षों को सुनने के बाद पेश की गई। हाल ही में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि महुआ मोइत्रा ने अडानी ग्रुप के मामले में सवाल करने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे और महंगे गिफ्ट लिए हैं। इसके बाद हीरानंदानी ने एक एफिडेविट के जरिए कहा कि मोइत्रा ने पैसे लिए हैं और वो संसद में सवाल पीएम मोदी की छवि खराब करने के लिए कर रही थी।

महुआ मोइत्रा पर लगे थे ये आरोप

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने अनैतिक, आपत्तिजनक और गंभीर अपराध किया। रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी कि इस मामले में भारत सरकार एक कानूनी और संस्थागत जांच कराएं, जो एक तय समय सीमा में खत्म होनी चाहिए। महुआ मोइत्रा पर आरोप थे कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट लिए थे। जिसमें टीएमसी सांसद ने दर्शन हीरानंदानी से कार और दो करोड़ रुपये की नकदी भी शामिल थी।

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