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Chanakya Niti: ऐसे तनाव को न पड़ने दे अपने वैवाहिक जीवन पर हावी

मुंबई – चाणक्य का भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। ये अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र के ज्ञाता होने के साथ ही एक महान दार्शनिक भी थे। इन्होंने अपनी नीतियों के माध्यम से नंदवंश का नाश करके चंद्रगुप्त मौर्य को राजा बना दिया। आज के दुनिया में हर किसी की अपनी-अपनी चाहत होती है। उन्होंने अपनी नीतियों को नीति ग्रंथ कही जाने वाली चाणक्य नीति में वर्णित किया है।

जब व्यक्ति दांपत्य जीवन में चिंता मुक्त, प्रसन्न और तनाव राहित रहता है तो उसकी कार्य कुशलता में वृद्धि होती है। ऐसे व्यक्ति बहुत जल्द लक्ष्यों को प्राप्त कर लेते है। जब व्यक्ति का जीवन दुख, चिंता और कलह से भरा होता है तो ऐसे लोगों का भाग्य भी साथ नहीं देता है। कार्यक्षेत्र में सफलता पाने के लिए व्यक्ति का दांपत्य जीवन सुखद बनाना बेहद जरूरी होता है। चाणक्य ने वैवाहिक जीवन सुखद बनाने के लिए कुछ बातें बताई है।

चाणक्य नीति के अनुसार दांपत्य जीवन में विचारों का आदान-प्रदान बहुत ही आवश्यक है। जब पति और पत्नी किसी भी महत्वपूर्ण विषय पर बैठकर विचारों का आदान प्रदान करते है, तो जीवन की बड़ी से बड़ी समस्या भी छोटी लगने लगती है। ऐसा करने से पति और पत्नी के रिश्ते में मजबूती आती है। आपको हमेशा एक-दूसरे का आदर करना बेहद जरूरी होता है। पति-पत्नी का रिश्ता विश्वास पर टिका होता है। कहते हैं कि पति-पत्नी के बीच आदर सम्मान विश्वास को कायम रखता है। अहंकार किसी भी रिश्ते में कमजोर कर सकता है। पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम, विश्वास और समर्पण होना चाहिए। पति-पत्नी के बीच अहंकार आने पर समस्याएं जन्म लेने लगती हैं, जिसके आगे चलकर भयंकर नुकसान हो सकते है।

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