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शं. ल. चव्हाण प्रतिष्ठान की ओर से अन्नदान महायज्ञ तथा महिलाओं को मुफ्त ऑनलाईन रोजगार प्रशिक्षण


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पुणे – कोरोना महामारी के इस काल मे पुणे के शं. ल. चव्हाण प्रतिष्ठान की ओर से खेड शिवापुर दर्गा बस्ती तथा आसपास के बेघर 300 लोगों को हर दिन खाना दिया जा रहा है. नियमित भोजन के अलावा कभी मिसल पाव, पाव भाजी, खिचडी, पुलाव तो कभी पुरणपोळी, पुरीभाजी इस तरह का अलग अलग खाना इसमें शामिल होता है और ये खाना बनाने का काम बचत गट की महिलाओं को दे दिया गया है.

हर दिन पच्चीस महिलाएं सरकारी नियमों का पालन करते हुए खाना बनाने का काम कर रही है जिससे उन्हे रोजगार प्राप्त हो रहा है. भोजन की गुणवत्ता को बरकरार रखने पर हम ज्यादा ध्यान दे रहे है ऐसा प्रतिष्ठान की अध्यक्षा डॉ. गिरिजा भास्कर शिंदे ने पत्रक द्वारा बताया. अक्षय तृतीया के अवसर पर प्रतिष्ठान ने सुजी का हलवा, साबुदाना खिचडी और आम बांटे. इस अन्नदान महायज्ञ मे लीना हेमंत चव्हाण, प्रतीक भगत, वैजयंती अत्रे (माणिक फुड्स), सुमन मूर्ती, संध्या हेमंत सूर्यवंशी, युक्रांद के संदीप बर्वे, भास्कर शिंदे तथा निसर्ग राजे का बहोत बडा योगदान रहा.

लॉकडाउन की वजह से बहुत लोग बेरोजगार हुए है. बहोत लोगों को अपना व्यवसाय बंद रखना पड रहा है. इन सब को ध्यान मे रखते हुए शं. ल. चव्हाण प्रतिष्ठान ने महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के ईरादे से मुफ्त मे ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किए है जिससे ये महिला घर पे रहकर काम करके पैसे कमाकर अपना घर चला सके. इसमें मसाले, इन्स्टंट आटा, पेपर बैग, विविध आयुर्वेदिक तेल, कंबल, इमिटेशन ज्वेलरी, बाग़बानी और जैविक खाद निर्मिती, बालवाडी प्रशिक्षण, अंगनवाडी प्रशिक्षण, डेंटल डॉक्टर असिस्टेंट प्रशिक्षण, नर्सिंग असिस्टंट प्रशिक्षण, वृद्ध सेवा प्रशिक्षण ऐसे कई प्रशिक्षण से महिलाओं को सक्षम करने का कार्य प्रतिष्ठान द्वारा किया जा रहा है. डॉ. शिंदे ने बताया की, पेपर बैग बनाने का काम महिलाओं को स्थायी रूप से मिलने के कारण उनकी हालात मे काफी सुधार आया है. कंबल प्रशिक्षण की वजह से महिलाओं ने बनाए हुए कंबल को दुबई की मार्केट मे जगह मिली. इस प्रकार प्रतिष्ठान की ओर से महिलाओं को साल भर के लिए काम दिया जा रहा है.

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