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कोरोना

ब्लैक फंगस के बाद अब Happy Hypoxia का खतरा


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नई दिल्ली – देश में कोरोना के मरीजों की संख्या धीरे धीरे घट रही है। पिछले 24 घंटों में देश में 3 लाख 43 हजार 896 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। जबकि 3 लाख 44 हजार 570 लोग ठीक हुए। वहीं 3997 मरीजों की मौत हुई है। इस महीने में यह तीसरी बार है जब नए रोगियों की तुलना में अधिक लोग स्वस्थ हुए हैं। इस बीच एक और खतरा सामने आया है।

इसमें उन मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है जिनका ऑक्सीजन लेवल डाउन चला जाता है। कोरोना मरीजों को ऑक्सीमीटर पर अपने ऑक्सीजन लेवल का ट्रैक रखने की सलाह दी जाती है और अगर किसी मरीज का ऑक्सीजन लेवल लगातार कम होता है तो उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया जाता है। लेकिन, क्या आपको पता है कि एक स्थिति ऐसी भी होती है जहां मरीज का ऑक्सीजन लेवल भले ही कम हो लेकिन उस स्थिति में भी वो बिल्कुल ठीक महसूस करता है। इसे हैप्पी हाईपोक्सिया (Happy hypoxia) कहा जाता हैं।

एक अख़बार में छपी खबर के मुताबिक, मार्च 2020 में इंडोनेशिया में एक मरीज अस्पताल गया। उसे बुखार और गले में खराश की शिकायत थी। हालांकि मरीज ठीक था और चलने में भी सक्षम था। उसका पल्स, टेंपरेचर और बीपी भी नॉर्मल था। लेकिन, उसका ऑक्सीजन लेवल 77 था। ये कोरोना के उन पहले मामलों में से एक था जहां मरीज को पता ही नहीं था कि उसके शरीर को ऑक्सीजन चाहिए।

इसकी एक वजह सांस के जरिए लंग्स की ऑक्सीजन लेने की कैपेसिटी कम होना जिससे वो ब्लड वेसेल्स को ऑक्सीजन नहीं भेज पाता। ये तभी हो सकता है जब ब्लड वेसेल किसी ब्लॉकेज के चलते शरीर में खून ठीक से सर्कुलेट नहीं कर पाते। बिहार में भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राजकमल चौधरी के मुताबिक, ये एक गंभीर स्थिति है। मेरे अनुमान के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती होने वाले 30 फीसदी मरीजों को Happy hypoxia होता है।

उन्होंने बताया कि कई मामलों में ऑक्सीजन सेचुरेशन 20-30 फीसदी गिर जाता है जो की मरीज की मौत का मुख्य कारण बनता है। दिल्ली में कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर्स का कहना है कि ये स्थिति युवाओं में ज्यादा देखी जाती है.

कैसे कर सकते है इसकी पहचान –
डॉक्टर्स के मुताबिक इसके लिए मरीजों को लगातार अपना ऑक्सीजन लेवल ऑक्सीमीटर पर चेक करना होगा। अगर ऑक्सीजन लेवल 90 फीसदी से कम हो तो मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है। अगर मरीजों का ऑक्सीजन लेवल 94 से नीचे आता है तो उन्हें तुरंत अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए, वहीं अगर ऑक्सीजन लेवल 90 से नीचे होता है तो मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ सकती है।

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