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गुजरात में कोरोना मरीजों को नहीं मिल रहे बेड, दवा भी नहीं, सब कुछ भगवान भरोसे!


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अहमदाबाद – देश में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। सोमवार को रिकॉर्ड नए मामले आने के बाद देश में एक्टिव केस की संख्या 12 लाख के पार चली गई, जो कुल पॉजिटिव मामलों का 8.88 फीसदी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान कोविड-19 के सबसे ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं।

भारत में पिछले 24 घंटे में 1,61,736 नए केस दर्ज किए गए, वहीं संक्रमण से 879 और लोगों की मौत हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 12,64,698 हो गई है। वहीं अब तक 1,71,058 लोगों की मौत हो चुकी है।

गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य में कोरोना से बिगड़ रहे हालात पर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सोमवार को कहा कि प्रदेश और लोग जिस तरह की दिक्कतें झेल रहे हैं, वह सरकार के दावे से बहुत अलग है। चीफ जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस भार्गव करिया की बेंच ने कहा कि लोगों को लगने लगा है कि वे अब भगवान भरोसे हैं।

एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी ने कोर्ट को सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में बताया। उन्होंने हॉस्पिटल में बेड्स की संख्या और एंटी वायरल ड्रग रेमडेसिविर की उपलब्धता बढ़ाने की जानकारी दी। सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि आप जो दावा कर रहे हैं, स्थिति उससे काफी अलग है। आप कह रहे हैं कि सब कुछ ठीक है। लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। इस समय लोगों में भरोसे की कमी है। लोग सरकार को कोस रहे हैं और सरकार लोगों को। इससे कुछ नहीं होगा। हमें संक्रमण की चेन तोड़ने की जरूरत है।

कोर्ट ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की शॉर्टेज है और इसके लिए एक अस्पताल के बाहर लंबी लाइन लगी है। इस पर एडवोकेट जनरल त्रिवेदी ने कहा कि जिन लोगों को दवा की जरूरत नहीं है, वे भी एहतियात के तौर पर इसे खरीदने की कोशिश कर रहे थे। अगर मरीज होम ट्रीटमेंट में है, उसे लक्षण नहीं हैं या उसकी हालत गंभीर नहीं है तो उसे रेमडेसिविर की जरूरत नहीं होती।

कोर्ट ने सरकार को दिए सुझाव –
हाई कोर्ट ने सरकार को कुछ सुझाव भी दिए। इसमें शादियों में मेहमानों की संख्या 100 से कम करके 50 करने, अंतिम संस्कार में लोगों की संख्या सीमित करने, कहीं भी लोगों के जुटने पर रोक लगाने, ऑफिसों में स्टाफ की सीमा तय करने और हर सोसायटी में एक व्यक्ति नामित करना शामिल है। यह व्यक्ति अथॉरिटीज के साथ कोऑर्डिनेट करेगा। गुजरात में पिछले दो दिन से 5 हजार से ज्यादा नए केस मिल रहे हैं।

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