भक्तो के लिए खुशखबरी: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने दी चार धाम यात्रा की अनुमति
हरिद्वार – भारत में अब रोजाना दर्ज होने वाले कोरोना वायरस संक्रमण के नए केस की संख्या में फिलहाल कमी देखने को मिल रही है। जिसके चलते नैनीताल उच्च न्यायालय ने गुरुवार को चार धाम यात्रा पर से प्रतिबंध हटा लिया और वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए अनिवार्य COVID-19 नकारात्मक रिपोर्ट वाले पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों को ही अनुमति दी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जानकारी दी कि कोविड-19 महामारी के चलते ‘चार धाम यात्रा’ को फिर से शुरू किया जायेगा। उच्च न्यायालय का यह फैसला उत्तराखंड सरकार की ओर से यात्रा शुरू करने के लिए आठ सितंबर को दाखिल हलफनामे पर आया है। उच्च न्यायालय ने 28 जून को चारधाम यात्रा जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त तैयारी की कमी, डॉक्टरों की कमी और जिले की रिपोर्ट के आधार पर अगले आदेश तक यात्रा पर रोक लगा दी थी।
चार धाम यात्रा की योजना बनाने से पहले 5 बातें को ध्यान में रखनी पड़ेगी :
- अदालत ने भक्तों को सख्त COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करने का आदेश दिया और आगंतुकों की संख्या को भी सीमित कर दिया।
- अनिवार्य COVID-19 नकारात्मक रिपोर्ट वाले पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोग वार्षिक तीर्थयात्रा पर निकल सकते है।
- उच्च न्यायालय ने तीर्थयात्रियों की दैनिक संख्या पर एक सीमा लगाई – केदारनाथ धाम में केवल 800, बद्रीनाथ धाम में 1200, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 भक्तों को अनुमति दी जाएगी।
- चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में चार धाम यात्रा के दौरान आवश्यकतानुसार पुलिस बल की तैनाती की जाएगी।
- तीर्थयात्रियों को मंदिरों के आसपास के किसी भी झरने में स्नान करने की अनुमति नहीं होगी।