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महाकाली नदी :पहले की तरह ही बहती रहेगी महा काली नदी,प्रवाह नहीं होगा कोई बदलाव


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नई दिल्ली – भारत नेपाल सीमा समन्वय समिति की बैठक के दौरान दोनों देशों ने महाकाली नदी को उसके मूल प्रवाह में बहने देने पर सहमित जताई। दार्चूला के मुख्य जिला अधिकारी ने कहा कि समन्वय बैठक के दौरान अस्थायी बांध को तार की जाली से हटाने और नदी को प्राकृतिक तरीके से बहने पर सहमति व्यक्त की।

भारत द्वारा महाकाली नदी के प्रवाह को नेपाल की तरफ मोड़ने के बाद नदी पर अस्थायी तटबंध बनाने से क्षेत्र में तनाव था। भारत और नेपाल के बीच सीमा बनाने वाली महाकाली नदी पर नेपाल ने बड़े क्षेत्र में तटबंध बना दिए थे, जिससे नदी में जलस्तर बढ़ते ही बहाव भारत की तरफ बढ़ने लगा था।

इससे भारत के भू-भाग वाले कृषि क्षेत्र को नुकसान होता था। महाकाली नदी पर भारत की तरफ से बहुत ही कम क्षेत्र में तटबंध का निर्माण किया गया था। नदी से बचाव के लिए तटबंध कार्य निर्माण होता रहा है। उच्च हिमाचल से ग्लेशियरों के पिघलने से काली नदी का जल स्तर बढ़ जाता है। इससे काली नदी के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए भारत के ग्रामीण इलाकों में भय का माहौल बन जाता है. मॉनसून के मौसम में खतरा और बढ़ जाता है।

मुख्य जिला अधिकारी दीर्घराज उपाध्याय, सशस्त्र पुलिस बल धारचूला के डंबर बिष्ट, नेपाल पुलिस के तारकराज पांडे और महाकाली नदी नियंत्रण परियोजना के कार्यवाहक प्रमुख करण सिंह धामी ने नेपाल का प्रतिनिधित्व किया। भारत की तरफ से डीएम रीना जोशी और एसडीएम दिबेश मुन्नी बैठक में मौजूद रहे।

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