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इंडोनेशिया में फटा बड़ा ज्वालामुखी , 11 लोगों की मौत


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नई दिल्लीः इंडोनेशियाई बचावकर्मियों ने माउंट मरापी में ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद सोमवार को 11 पर्वतारोहियों के शव बरामद किए और कम से कम 12 अन्य की तलाश की जा रही है. वेस्ट सुमात्रा के अगम प्रांत में स्थित माउंट मरापी में रविवार को अचानक विस्फोट से आसमान में 3,000 मीटर तक राख की मोटी परत छा गयी और राख के बादल कई किलोमीटर तक फैल गए. शनिवार को करीब 75 पर्वतारोहियों ने 2,900 मीटर ऊंचे पर्वत पर चढ़ाई शुरू की थी और वे फंस गए हैं.

मरनेवालों की संख्या बढ़कर 23 होने की आशंका

इंडोनेशियाई बचावकर्मियों ने माउंट मरापी में हुए ज्वालामुखी विस्फोट के बाद मंगलवार को और लोगों के शव बरामद किए हैं। मरनेवालों की संख्या बढ़कर 23 होने की आशंका जताई जा रही है। सुमात्रा प्रांत के पुलिस प्रमुख एडी मार्डिएन्टो ने कहा कि विस्फोट स्थल से कुछ ही मीटर की दूरी पर शव मिले हैं। पांच पर्वतारोहियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। माना जा रहा है कि 18 लोगों की मौत हो गई है। हम बाकी फंसे लोगों को निकालने में जुटे हैं। आशंका है कि फंसे लोग जीवित नहीं बचे हैं। रविवार को शुरुआत में 11 पर्वतारोहियों की मौत होने की पुष्टि की गई थी और 50 से अधिक पर्वतारोहियों को बचा लिए जाने की जानकारी दी गई थी।

एहतियातन नजदीकी गांव खाली कराए गए

पेदांग सर्च एंड रेस्क्यू एजेंसी के प्रमुख अब्दुल मलिक ने बताया कि उन्हें तीन लोग जिंदा मिले हैं और 11 शव बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार को घटना वाले दिन कुल 75 पर्वतारोही माउंट मेरापी पर थे। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद सफेद और स्लेटी रंग की राख फैल गई है। इसके चलते पर्वतारोही लापता है और आसपास के गांव ज्वालामुखी की राख से ढक गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पर्वत पर चढ़ाई के दो रास्ते ज्वालामुखी विस्फोट वाली जगह के नजदीक हैं, जिन्हें अब बंद कर दिया गया है। साथ ही ज्वालामुखी के मुहाने से 3 किलोमीटर दूर तक ढलान पर मौजूद गांवों को एहतियातन खाली करा लिया गया है। विस्फोट के बाद ज्वालामुखी से लावा निकलने की आशंका है।

शव और पीड़ितों को निकालने की प्रक्रिया जारी

पडांग में स्थानीय तलाश एवं बचाव एजेंसी के एक अधिकारी हैरी अगस्टियन ने बताया कि इनमें से आठ को रविवार को अस्पतालों में भर्ती कराया गया. वेस्ट सुमात्रा की खोज एवं बचाव एजेंसी के प्रमुख अब्दुल मलिक ने बताया कि बचावकर्ताओं ने सोमवार सुबह पर्वतारोहियों के 11 शव बरामद किए. वे लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं. उन्होंने तीन और लोगों को बचाया है. उन्होंने कहा, ‘शव और पीड़ितों को निकालने की प्रक्रिया जारी है.’’ बचावकर्मी अब भी लापता 12 पर्वतारोहियों की तलाश कर रहे हैं.’

फंसे लोगों के जीवित नहीं बचने की आशंका

पांच पर्वतारोहियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। माना जा रहा है कि 18 लोगों की मौत हो गई है। हम बाकी फंसे लोगों को निकालने में जुटे हैं। आशंका है कि फंसे लोग जीवित नहीं बचे हैं। रविवार को शुरुआत में 11 पर्वतारोहियों की मौत होने की पुष्टि की गई थी और 50 से अधिक पर्वतारोहियों को बचा लिए जाने की जानकारी दी गई थी।सोमवार को दोबारा हुए विस्फोट के बाद आसमान में 800 मीटर तक राख फैल गई, जिसके बाद बचाव अभियान को रोक दिया गया था

पर्वतारोही लापता हैं और आसपास के कई गांव ज्वालामुखी की राख से ढक गए

पेदांग सर्च एंड रेस्क्यू एजेंसी के प्रमुख अब्दुल मलिक ने बताया कि उन्हें तीन लोग जिंदा मिले हैं और 11 शव बरामद हुए हैं. उन्होंने बताया कि शनिवार को घटना वाले दिन कुल 75 पर्वतारोही माउंट मेरापी पर थे. ज्वालामुखी विस्फोट के बाद सफेद और स्लेटी रंग की राख फैल गई है. इसके चलते पर्वतारोही लापता हैं और आसपास के कई गांव ज्वालामुखी की राख से ढक गए हैं.

कई पर्वतारोही अभी भी लापता, तलाश जारी

अभी भी कई पर्वतारोही माउंट मेरापी पर लापता है, जिनकी तलाश की जा रही है। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद 3000 मीटर दूर तक ज्वालामुखी की राख फैल गई है। प्रशासन ने लोगों से एहतियातन चश्में पहनने की सलाह दी है ताकि ज्वालामुखी की राख से उनकी आंखों की सुरक्षा हो सके। बता दें कि माउंट मेरापी ज्वालामुखी जनवरी से ही सक्रिय है। हालांकि अभी तक इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है। इंडोनेशिया में कुल 120 सक्रिय ज्वालामुखी हैं।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पर्वत पर चढ़ाई और दो रास्ते ज्वालामुखी विस्फोट वाली जगह के नजदीक हैं, जिन्हें अब बंद कर दिया गया है. साथ ही ज्वालामुखी के मुहाने से 3 किलोमीटर दूर तक ढलान पर मौजूद गांवों को एहतियातन खाली करा लिया गया है. विस्फोट के बाद ज्वालामुखी से लावा निकलने की आशंका है.

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