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राजनीति

चुनाव आयोग की सख्ती : राजनीतिक दल चुनाव से पहले खोखले चुनावी वादे न करे


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नई दिल्ली – केंद्रीय निर्वाचन आयोग (Central Election Commission) ने देशभर में चुनाव से पहले फ्री योजनाओं को लेकर किए जाने वाले वादों पर मंगलवार (4 अक्टूबर) को सभी राजनीतिक दलों (Political Parties) को चिट्ठी लिखी। आयोग ने ‘रेवड़ी कल्चर’ पर सख्ती दिखाते हुए चुनावी वादों की वजह से वित्तीय व्यवहार्यता (Financial Practicability) के बारे में मतदाताओं को प्रामाणिक जानकारी देने को भी कहा। इसमें राजनीतिक दलों से कहा गया है कि वह कोई भी खोखला चुनावी वादा न करें। जो भी चुनावी वादा किया जाए उसमें इस बात का ख्याल रखा जाए कि क्या वह आर्थिक रूप से क्या पूरे किए जाने लायक हैं।

आयोग ने कहा है कि वह चुनावी वादों पर पूर्ण जानकारी ना देने और उसके वित्तीय स्थिरता पर पड़ने वाले अवांछनीय प्रभाव की अनदेखी नहीं कर सकता है। खोखले चुनावी वादों के दूरगामी प्रभाव होते हैं। राजनीतिक दलों द्वारा किए गए चुनावी वादों की घोषणा संबंधी प्रस्तावित प्रारूप में तथ्यों को तुलना योग्य बनाने वाली जानकारी की प्रकृति में मानकीकरण लाने का प्रयास किया गया है। निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को लिखी अपनी चिट्ठी में सभी वादों को डिटेल में बताने का प्रस्ताव दिया. साथ ही उसके तमाम फायदे और आर्थिक पक्ष का ब्योरा देने को भी कहा। आयोग ने सभी दलों से 19 अक्टूबर तक अपनी राय भेजने के लिए कहा है।

देशभर में चुनाव से पहले मुफ्त योजनाओं के वादे के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की थी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ‘रेवड़ी कल्चर’ पर सख्ती दिखाते हुए चुनाव से पहले इसका हल निकालने के लिए केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और याचिका के सभी पक्षों से एक संस्था के गठन पर सुझाव मांगा है।

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