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37वें सूरजकुंड मेले का उद्घाटन: देशों के हस्तशिल्पियों का महाकुंभ बना


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नई दिल्ली – 37वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उद्घाटन किया। मेले में पहुंची राष्ट्रपति ने कहा कि आज सूरजकुंड मेला अनेक देशों के हस्तशिल्पियों का महाकुंभ बन गया है। यह हमारी सांस्कृतिक विविधता और परंपरा के साथ-साथ नवीनता का उत्सव है, जो कला और शिल्प सीमाओं को तोड़कर समझ के पुल बनाता हैं।

सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय क्राफ्ट मेले

तीन फरवरी से शुरू होने वाले सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय क्राफ्ट मेले के लिए हरियाणा रोडवेज समय सारणी तय कर दी है। रोडवेज मेले के लिए 20 बसें चलाएगा। ये बसें फरीदाबाद के अलावा दिल्ली और गुड़गांव से भी चलेंगी। इस मेले में लोगों को सुगम आवागमन सुविधा मुहैया कराने के लिए हर बार रोडवेज प्रशासन बस चलाता है। इसको लेकर विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।फरीदाबाद से सूरजकुंड के लिए शाम 5:45 बजे आखिरी बस चलेगी। इसी तरह सूरजकुंड से फरीदाबाद के लिए सुबह सवा 9 बजे पहली बस चलेगी और रात में साढ़े 8 बजे आखिरी बस मिलेगी। बडखल मेट्रो स्टेशन से मेले के लिए शटल बस सेवा की सुविधा दी जाएगी। डिपो के ट्रैफिक मैनेजर नवनीत बजाज ने बताया कि मेले के लिए चलाई जाने वाली 20 बसों को दुरुस्त किया गया है। इन बसों की समय सारिणी भी बना ली गई है। जिसे बस अड्डा और सूरजकुंड मेला परिसर स्थल पर चस्पा किया जाएगा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मेला परिसर में हरियाणा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मेला परिसर में हरियाणा के अपना घर पवेलियन का दौरा किया और हरियाणवी संस्कृति की झलक बिखेर रहे शिल्पकारों से रूबरू हुईं। उन्होंने कलाकृतियों के बारे में भी जानकारी ली। साथ ही मेले के थीम स्टेट गुजरात राज्य के स्टॉलों का अवलोकन करते हुए शिल्पकारों से भी संवाद किया। उन्होंने कहा कि तंजानिया इस वर्ष के मेले का भागीदार देश है। पिछले वर्ष अक्तूबर में तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन से चर्चा के दौरान दोनों देशों की सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और अधिक विस्तारित करने के महत्व पर सहमति बनी थी।

सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला बीते 37 साल से

सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला बीते 37 साल से प्रतिवर्ष फरवरी के पहले पखवाड़े में आयोजित किया जाता है। मेले को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में आयोजन के लिए वर्ष 2007 में शुरुआत हुई और वर्ष 20013 में मेले को अंतरराष्ट्रीय दर्जा मिला। वर्ष 2007 से वर्ष 2013 के बीच दो बार वर्ष 2009 और 2013 में राष्ट्रपति, वर्ष 2007 में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, वर्ष 2008 में विदेश मंत्री, वर्ष 2012 में लोक सभा अध्यक्ष और वर्ष 2010 में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मेले का उद्घाटन किया था। शुक्रवार को तीसरी बार राष्ट्रपति ने मेले का उद्घाटन किया।

मेले में गुजरात थीम राज्य है

मेले में गुजरात थीम राज्य है, जो क्षेत्र के विभिन्न कला रूपों और हस्तशिल्प के माध्यम से अपनी अनूठी संस्कृति और समृद्ध विरासत का प्रदर्शन कर रहा है। पर्यटकों को गुजरात की विरासत और संस्कृति को जानने का मौका मिलेगा।गुजरात के सैकड़ों कलाकार विभिन्न लोक कला और नृत्य प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के कलाकार कला, शिल्प, व्यंजन और प्रदर्शन कला का प्रदर्शन करेंगे। पर्यटकों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन शाम को मुख्य चौपाल पर किया जाएगा। पंजाब से भांगड़ा, असम से बिहू, बरसाना की होली, हरियाणा से लोक नृत्य, हिमाचल प्रदेश से जमकड़ा, हाथ की चक्की का लाइव प्रदर्शन का लुत्फ उठाएंगे।

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