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गौतम गंभीर ने राजनीति से संन्यास का किया ऐलान,जानें वजह


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नई दिल्लीःगौतम गंभीर ने आज अचानक राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया है। दो बार की वर्ल्ड चैंपियन भारतीय क्रिकेट टीम के मेंबर रहे गौतम गंभीर बीजेपी की टिकट से पूर्वी दिल्ली के मौजूदा सांसद हैं। गौतम गंभीर ने 2 मार्च की सुबह एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। गौतम गंभीर ने पॉलिटिक्स से संन्यास के पीछे क्रिकेट कमिटमेंट को वजह बताया है। वैसे कई मीडिया रिपोर्ट्स में पहले ही कहा जा चुका था कि इस बार पार्टी शायद ही उन्हें उम्मीदवार बनाए। ऐसे में गौतम गंभीर ने अपनी हालिया पोस्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जिक्र किया है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने शनिवार को अपने एक्स अकाउंट पर ट्वीट कर राजनीति से दूरी बनाने के संकेत दे दिए हैं। उन्होंने कहा है कि मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुझे अपने राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करने का अनुरोध किया है, जिससे मैं क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित कर सकूं।

गौतम गंभीर ने राजनीति से संन्यास का किया ऐलान

गौतम गंभीर के पोस्ट में क्या है?

गौतम गंभीर ने लिखा है कि ‘मुझे लोगों की सेवा करने का अवसर देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। जय हिन्द!’ वहीं गौतम गंभीर के इस फैसले के बाद कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि हर कोई उनके काम के लिए गंभीर की सराहना करता है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी सरकार में सांसदों को काम करने की इजाजत नहीं है।

2019 के लोकसभा चुनाव में बड़े अंतर से दर्ज की थी जीत

2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली सीट पर क्रिकेटर गौतम गंभीर ने बड़ी जीत दर्ज की थी। ‘आप’ की आतिशी और कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली पर भारी पड़ते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर 3 लाख 90 हजार के विशाल अंतर से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। चुनावी मैदान में गंभीर ने पहली बार कदम रखा था और जीत दर्ज की थी।
गंभीर ने 2018 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। उसके बाद से वो सेना, जवानों और बाकी सामाजिक मुद्दों पर ट्विटर के जरिए अपनी राय रखा करते थे। राष्ट्रवादी छवि बनाने के बाद से ही चर्चा थी कि गंभीर जल्द ही भाजपा ज्वॉइन कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने इस बात को कभी माना नहीं था।क्रिकेट के मैदान पर आक्रामक रुख के लिए मशहूर रहे इस खिलाड़ी ने राजनीति में भी जोरदार शुरुआत की थी। ताबड़तोड़ रोड और धुआंधार रैलियां की थीं। अब गंभीर के अचानक इस फैसले से राजनीतिक जानकार भी थोड़ा अचंभित जरूर हैं।

गंभीर के फैसले ने सबको चौंकाया, बीजेपी के लिए कौन होगा विकल्प?

लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले आई इस खबर ने सभी को चौंका दिया. अब सवाल उठ रहा है कि गौतम गंभीर की जगह कौन ले सकता है? बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक गुरुवार को दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में हुई और पार्टी जल्द ही अपने उम्मीदवारों की सूची की घोषणा कर सकती है. राजनीतिक के जानकारों के अनुसार, यह अनुमान लगाना अभी भी मुश्किल है कि पूर्वी दिल्ली सीट पर गंभीर की जगह कौन लेगा? अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सात सीटों पर बीजेपी और इंडिया इंडिया गठबंधन के सहयोगी AAP और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला होगा.

BJP काट सकती है कई सांसदों के नाम

दरअसल, कई दिनों से ये अटकलें लग रही थीं कि पूर्वी दिल्ली से बीजेपी इस बार उम्मीदवार बदलने का प्लान कर रही है. यह कहा जा रहा था कि नई लिस्ट में गौतम गंभीर के साथ शायद कई और सांसदों के टिकट कटें. ऐसे में लिस्ट जारी होने से पहले गौतम गंभीर का यह फैसला अहम माना जा रहा है.

रबड़ स्टांप बने रहे दिल्ली के सांसद

शायद, इसी कारण से उन्होंने खुद ही यह तय किया हो, जब पार्टी या मोदी सरकार ही अपने सांसदों को काम करने इजाजत नहीं देती है, तो वो किस वजह से सांसद बने रहें. वैसे, मैं उन्हें शुभकामना देता हैं. गौतम मेरे स्कूल से ही हैं. इस लिहाज वो मेरे जूनियर हैं. एक स्कूल होने से संबंध तो हो ही जाता है. वह अच्छे व्यक्ति हैं. ये अच्छी बात होती कि पीएम नरेंद्र मोदी या बीजेपी के नेता उन्हें काम करने का मौका देते. पिछले दो लोकसभा के कार्यकाल के दौरान बीजेपी के सांसद बिल्कुल रबड़ स्टांप साबित हुए हैं.

गौतम गंभीर ने 2019 में जॉइन की थी बीजेपी

जानकारी के लिए बता दें कि गौतम गंभीर 22 मार्च 2019 को बीजेपी में शामिल हुए थे और पूर्वी दिल्‍ली लोकसभा सीट से उन्‍हें प्रत्याशी बनाया गया था. गौतम गंभीर ने आम आदमी पार्टी की आतिशी और कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली को हरा कर सांसद पद संभाला था.

गौतम गंभीर हैं केकेआर के मेंटर

गौतम गंभीर ने मार्च 2019 में बीजेपी का दामन थामा था और तभी से दिल्ली में पार्टी का एक प्रमुख चेहरा रहे हैं. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा और आम आदमी पार्टी को करारी मात दी. उन्होंने 6,95,109 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की थी. पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने 2007 और 2011 में भारत की विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाई है. वह देश के प्रमुख खेल आयोजन इंडियन प्रीमियर लीग में सबसे बड़े नामों में से एक हैं.गंभीर मौजूदा समय में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) फ्रेंचाइजी के टीम मेंटर हैं और मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित के साथ काम करते हैं. गंभीर के नेतृत्व में केकेआर 2012 और 2014 में आईपीएल चैंपियन बनी थी. इस साल का आईपीएल 22 मार्च से शुरू होने वाला है.

चुनाव से ठीक पहले IPL

भारतीय जनता पार्टी, निर्वाचन आयोग (ईसी) द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले बड़ी संख्या में उम्मीदवारों की घोषणा करना चाहती है. लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने की उम्मीद है. भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए हुई मैराथन बैठक में करीब 16 राज्यों के लिए नामों पर विचार-विमर्श किया. ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि पहली सूची में कई दिग्गजों के नाम शामिल हो सकते हैं.
इस साल देश में आम चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव की तारीखों का भला ही अभी ऐलान न हुआ हो, लेकिन उससे ठीक पहले होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग के शेड्यूल की घोषणा हो चुकी है। 22 मार्च से शुरू होने जा रही दुनिया की इस सबसे महंगी टी-20 क्रिकेट लीग में गौतम गंभीर बड़ा रोल अदा करने वाले हैं। मौजूदा सीजन के लिए वह कोलकाता नाइटराइडर्स फ्रैंचाइजी के मेंटॉर बनाए गए हैं। गंभीर ने शाहरुख खान के मालिकाना हक वाली केकेआर को दो बार (2012 और 2014) अपनी कप्तानी में ही चैंपियन बनाया था। इससे पहले गौतम गंभीर 2022 और 2023 सीजन के लिए नई फ्रैंचाइजी लखनऊ सुपरजायंट्स के मेंटॉर थे, जिसका मालिकाना हक संजीव गोयनका के पास है।

गंभीर के क्रिकेट कमिटमेंट्स क्या है?

भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने दिसंबर 2018 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। गंभीर 147 वनडे और 37 टी-20 के साथ ही 58 टेस्ट में 10 हजार से ज्यादा इंटरनेशनल रन बना चुके हैं। संन्यास के बाद वह 2019 लोकसभा चुनाव में सांसद तो बने, लेकिन फुल टाइम नेता नहीं बन पाए। सांसद होने के बाद भी उनके भीतर का क्रिकेटर कभी नहीं मरा। वह कमेंट्री में हाथ आजमाने लगे। आईपीएल के दौरान कोचिंग भी करते। इतना ही नहीं घूम-घूमकर रिटायर्ड खिलाड़ियों की टी-20 लीग भी खेलते। हालांकि कोरोना महामारी के दौरान गौतम गंभीर का योगदान कोई नहीं भूल सकता। उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर, अस्पताल में बेड के साथ-साथ इंजेक्शन जैसी कई छोटी-बड़ी मदद की थी।

गौतम गंभीर ने 2014 में एक फाउंडेशन की नींव रखी थी

गौतम गंभीर ने 2014 में एक फाउंडेशन की नींव रखी थी. इस फाउंडेशन का उद्देश्‍य था कि दिल्‍ली में कोई भूखा न सोए. इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए 2017 में दिल्ली के पटेल नगर में फाउंडेशन के माध्यम से सामुदायिक रसोई की स्थापना की गई. फाउंडेशन की मुख्य परियोजना अर्धसैनिक शहीदों के अधिक से अधिक बच्चों तक पहुंचना और उनकी संपूर्ण शैक्षिक आवश्यकताओं का समर्थन करके उन्हें सशक्त बनाना है. इसके अलावा, जीजीएफ पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता पर जागरूकता पैदा करने के लिए वंचित घरों की किशोर लड़कियों के साथ काम करता है, और शहर में वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए पेड़ लगाकर दिल्ली को हरा-भरा बनाने का प्रयास करता है.

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