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दिवाली पर प्रतिबंध को दरकिनार कर दिल्ली में जलाए गए पटाखे, हवा हुई जानलेवा, कई इलाकों में AQI 999


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नई दिल्ली – पराली जलाए जाने से धुएं में तीव्र वृद्धि होने के बीच दिवाली पर आतिशबाजी (Fireworks) पर सरकार की तरफ से लगाए गए प्रतिबंध की अवहेलना की गई और गुरुवार को दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों का आसमान धुएं के गुबार से ढंक गया. बाद में शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर से खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है.

इस वजह से दिल्‍ली-एनसीआर के अधिकतर इलाकों में वायु गुणवत्ता (Delhi Air Quality) ‘खतरनाक’ श्रेणी में दर्ज की गई है. सच कहा जाए तो सर्दी का मौसम आने के साथ ही कोहरा बढ़ने की खबरों के बीच वायु प्रदूषण के डराने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं. जबकि बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण सांस तक लेना मुश्किल हो रहा है. शुक्रवार सुबह दिल्‍ली के पूसा, मंदिर मार्ग, मेजर ध्‍यानचंद स्‍टेडियम, आनंद विहार, ओखला समेत तमाम इलाकों में AQI 999 दर्ज किया गया, जो कि उच्‍चतम है, क्‍योंकि इसके बाद इसको मापने का कोई तरीका नहीं है. यही नहीं, दिल्‍ली से सटे यूपी के गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम समेत अन्‍य इलाकों में भी हवा जहरीली हो गई है.

नोएडा के सेक्‍टर, 1,62, 116 और 125 समेत तमाम इलाकों में AQI 999 दर्ज किया गया. वहीं, ग्रेटर नोएडा में भी नॉलेज पार्क 1 में एक्‍यूआई 999 रहा. इसके अलावा गाजियाबाद के संजय नगर में यह अपने सर्वोच्‍च स्‍तर पर रहा. जबकि फरीदाबाद में भी सेक्‍टर 30 समेत कई जगह एक्‍यूआई 999 नंबर के साथ रेड जोन में दिखा, तो गुरुग्राम भी वायु गुणवत्ता ‘खतरनाक’ श्रेणी में दर्ज की गई और यहां भी AQI 999 रहा.

आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर के जेनामणि ने कहा कि हवा शांत रहने के कारण दिनभर 800-900 मीटर के दायरे में दृश्यता प्रभावित रही. दिल्ली के प्रदूषण स्तर में गुरुवार को पराली जलाने का योगदान बढ़कर 25 प्रतिशत हो गया, जो इस मौसम का अब तक का सर्वाधिक स्तर है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत पटाखे जलाए जाने पर दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण का स्तर मध्यरात्रि तक ”गंभीर” की श्रेणी में पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार सुबह तक पीएम 2.5 प्रदूषण के स्तर में तेज वृद्धि दर्ज की जा सकती है और एक्यूआई 500 के स्तर को पार कर सकता है.

उल्लेखनीय है कि शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ”अच्छा”, 51 और 100 के बीच ”संतोषजनक”, 101 और 200 के बीच ”मध्यम”, 201 और 300 के बीच ”खराब”, 301 और 400 के बीच ”बहुत खराब” और 401 और 500 के बीच को ”गंभीर” माना जाता है. ‘सफर’ के पूर्वानुमान के मुताबिक शुक्रवार को दिल्ली के प्रदूषण स्तर में पराली जलाने का योगदान बढ़कर 35 प्रतिशत और शनिवार को 40 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. उत्तर-पश्चिम हवाएं पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण उठने वाले धुएं को दिल्ली की तरफ ला सकती हैं. सफर के मुताबिक सात नवंबर की शाम तक ही कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, हालांकि एक्यूआई ”बेहद खराब” की श्रेणी में रहने की आशंका है.

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