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छोटी बचत योजनाओं पर सरकार का ऐलान,PPF-NSC पर होगी इतनी कमाई


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नई दिल्ली – नए वित्त वर्ष शुरू होने से पहले मोदी सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ समेत स्मॉल सेविंग्स स्कीम में निवेश करने वालों के लिए बड़ा ऐलान किया है. दरअसल, सरकार ने अप्रैल से जून तिमाही के लिए स्मॉल सेविंग स्कीम्स (Small Savings Schemes) पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. बता दें कि सरकार हर तिमाही में इन स्कीम्स की दरों की समीक्षा सकती है.

सरकार ने एक अप्रैल, 2024 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए स्मॉल सेविंग स्कीम की की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) पर पहले की ही तरह 7.1 फीसदी ब्याज मिलता रहेगा. वित्त मंत्रालय ने इस मामले में शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी किया है. सरकार के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए स्मॉल सेविंग स्कीम पर ब्याज दरें चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2024) वाली ही रहेंगी. सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा राशि पर 8.2 प्रतिशत की ब्याज दर मिलेगी जबकि तीन साल की सावधि जमा पर ब्याज 7.1 प्रतिशत मिलेगा. पीपीएफ और बचत जमा पर भी ब्याज दरें क्रमश: 7.1 प्रतिशत और चार प्रतिशत पर बरकरार रखी गई हैं.

अप्रैल-जून 2024 में किस स्कीम में कितना मिल रहा है ब्याज?
सेविंग्स डिपॉजिट- 4.0 फीसदी ब्याज
1 साल के टाइम डिपॉजिट- 6.9 फीसदी ब्याज
2 साल के टाइम डिपॉजिट- 7.0 फीसदी ब्याज
3 साल के टाइम डिपॉजिट- 7.1 फीसदी ब्याज
5 साल के टाइम डिपॉजिट- 7.5 फीसदी ब्याज
5 साल के रेकरिंग डिपॉजिट- 6.7 फीसदी ब्याज
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम- 8.2 फीसदी ब्याज
मंथली इनकम अकाउंट- 7.4 फीसदी ब्याज
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट- 7.7 फीसदी ब्याज
पब्लिक प्रोविडेंट फंड- 7.1 फीसदी ब्याज
किसान विकास पत्र- 7.5 फीसदी ब्याज (115 महीने में मैच्योरिटी पर)
सुकन्या समृद्धि योजना- 8.2 फीसदी ब्याज

किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.5 प्रतिशत होगी और यह निवेश 115 महीनों में परिपक्व होगा. राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर ब्याज दर एक अप्रैल से 30 जून, 2024 की अवधि के लिए 7.7 प्रतिशत होगी. एमआईएस यानी मंथली इनकम स्कीम के लिए ब्याज दर चालू तिमाही की तरह 7.4 प्रतिशत होगी. सरकार हर तिमाही में मुख्य रूप से डाकघरों में संचालित छोटी बचत योजनाओं पर देय ब्याज दरों को अधिसूचित करती है. जानकारों की मानें तो सरकार ने चुनाव के नोटिफिकेशन जारी होने से पहले 31 मार्च की जगह पहले ही ब्याज दरों का ऐलान कर दिया है. एक्सपर्ट का मानना है कि ब्याज दरों में बदलाव जून तिमाही में बदलती हुई दिखाई देंगी. तब तक देश में नई सरकार भी बन चुकी होगी.

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