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हम जवाब दे सकते थे पर… : पाकिस्तान में भारतीय मिसाइल गिरने पर इमरान ने कही यह बात, बोले- खेद जताने से काम नहीं चलेगा


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नई दिल्ली– बीते दिनों तकनीकी खराबी के कारण एक भारतीय मिसाइल के पाकिस्तानी इलाके में जाकर गिरने पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने चेताया है। उन्होंने कहा है कि हम इसका जवाब दे सकते थे, लेकिन हमने संयम बरता। भारत इस घटना पर पहले ही खेद जता चुका है और सैन्य जांच के आदेश दिए जा चुके हैं, लेकिन इमरान खान को इस पर संतोष नहीं है। गनीमत रही कि भारतीय मिसाइल से पाकिस्तान में कोई नुकसान नहीं हुआ। इस मामले को लेकर इमरान खान ने रविवार को पहली बार प्रतिक्रिया दी। इमरान के खिलाफ पाक संसद में साझा विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया है और वह घरेलू मोर्चे पर घिरे हुए हैं। पाकिस्तान के हजीफाबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि मियां चन्नू में गिरी इस मिसाइल का हम जवाब दे सकते थे, लेकिन हमने संयम बरतना उचित समझा। उन्होंने यह भी कहा कि हमने देश के रक्षा तंत्र को मजबूत बनाया है। इससे पहले इमरान सरकार ने शनिवार को कहा था कि वह भारत के दुर्घटनावश मिसाइल चलने के दावे से संतुष्ट नहीं है। इसके साथ ही ऐसी घटनाओं को रोकने के सुरक्षा इंतजामों पर भी सवाल उठाए थे।

पाक विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि इस साधारण सफाई से काम नहीं चलेगा कि तकनीकी खराबी से मिसाइल चल गई। उन्होंने पाक के पंजाब प्रांत में इस प्रक्षेपास्त्र के गिरने की घटन की साझा जांच की मांग की, ताकि घटना के तथ्यों का पता लगाया जा सके। पाकिस्तान ने भारत के समक्ष प्रस्ताव रखा है कि साझा जांच कर तथ्य सामने लाए जाना चाहिए। भारत ने ‘दुर्घटनावश मिसाइल चलने’ की सूचना तत्काल पाकिस्तान को नहीं दी। रक्षा विशेषज्ञ भी परमाणु शक्ति संपन्न दोनों देशों को ऐसे हादसों के प्रति आगाह कर चुके हैं। उनका कहना है कि दोनों पड़ोसी मुल्क तीन जंग लड़ चुके हैं और कई छुटपुट सैन्य टकराव भी हो चुके हैं, ऐसे में कोई भी ‘चिंगारी’ दोनों देशों के बीच बड़े सैन्य टकराव का रूप ले सकती है।

पाकिस्तान में भारतीय मिसाइल गिरने की घटना 9 मार्च 2022 को हुई थी। उस वक्त नियमित रखरखाव के दौरान तकनीकी खराबी से एक मिसाइल की आकस्मिक फायरिंग हो गई थी। भारत सरकार ने इसे गंभीरता से लिया और एक उच्च स्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। रक्षा मंत्रालय ने इस घटना पर खेद भी जताया है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान में गिरी मिसाइल पर आधिकारिक जवाब देते हुए कहा कि रखरखाव के दौरान गड़बड़ी के कारण मिसाइल फायर होकर पाकिस्तान में जा गिरी थी। हमें इस घटना पर अफसोस है। मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

आईएसपीआर ने की थी प्रेस कांफ्रेंस
दरअसल, पाकिस्तान का आरोप था कि 9 मार्च को भारत की तरफ से एक ‘प्रोजेक्टाइल’ फायर किया गया था। पाकिस्तान ने आशंका जताई थी कि ये एक सुपरसोनिक मिसाइल थी जो हरियाणा के सिरसा से दागी गई थी। सिरसा में भारतीय वायुसेना का एक अहम एयर बेस है। खुद पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग, आईएसपीआर के डीजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि ये मिसाइल बिना वॉर-हेड की थी यानी इसमे बारूद नहीं था और अभ्यास के लिए फायर की गई थी। ये पाकिस्तान के मियां चन्नू इलाके में जाकर गिरी थी. पाकिस्तान ने कहा कि इससे कोई जानमाल का तो कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन ये इंटरनेशनल एविएशन सेफ्टी के प्रतिकूल है और इससे कोई बड़ा हादसा हो सकता था।
पाक ने भारतीय दूतावास प्रभारी को किया तलब

पाकिस्तान ने यहां भारत के दूतावास प्रभारी को तलब कर ‘उड़ने वाली भारतीय सुपर-सोनिक वस्तु’ द्वारा उसके हवाई क्षेत्र का कथित रूप से बिना उकसावे के उल्लंघन करने पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय राजनयिक को बताया गया कि यह वस्तु भारत में सूरतगढ़ से नौ मार्च को स्थानीय समयानुसार शाम 6:43 बजे पाकिस्तान में घुसी थी। बाद में यह पाक में पंजाब प्रांत के मियां चुन्नु शहर में उसी दिन शाम 6:50 बजे गिरी, जिससे असैन्य संपत्ति को नुकसान पहुंचा।

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