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लाइफस्टाइल

कपल्स का विवाह पूर्व यौन संबंध बनाना कितना योग्य


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नई दिल्ली – मानव जीवन में कुछ खास चीजों को करने का एक सही समय निर्धारित किया गया है। जिससे सही समय पर वो काम करने से वो यादगार बना रहता है। पिछले दस सालों में सेक्स को लेकर भारत में एक बहुत बड़ी सामाजिक क्रांति हुई है। चूँकि इस विषय पर खुलकर हमारे देश में चर्चा नहीं होती है, इसलिए बात घरों की चहारदीवारी और लोंगो के मन में ही ढकी-छिपी रह जाती है।

एक रिसर्च के अनुसार सामाजिक रूप से देखें तो शादी से पहले सेक्स करना गलत है। लेकिन वक्त के साथ लोग मॉडर्न कल्चर से जुड़ते जा रहे है। जिसके आधार पर उनके लिए शादी से पहले सेक्स करना एक आम बात बन गई है। पूरे देशभर में समलैगिकता को चाहने वालों, विवाहपूर्व यौन सम्बन्ध बनाने वालों, विवाहेत्तर यौन सम्बन्ध रखने वालों और बिना विवाह के साथ रहने वालों की संख्या दिनोदिन बहुत तेजी से बढ़ रही है। आने वाले समय में गंभीर समस्या भी बनने वाले है। इसलिए इन विषयों पर आज के समय में खुलकर चर्चा होना जरुरी है, ताकि अधिकतर लोंगो को पसंद कोई सही और संतोषजनक समाधान निकल सके। ‘विवाह से पहले सेक्स करना चाहिए या नहीं?’ आजकल के नाबालिग किशोर हों, बालिग युवा पीढ़ी हो या फिर अकेलेपन का जीवन जीने वाली अनब्याही लडकियां हों, अक्सर इस तरह के सवाल उनके मन में उठते है और वो एक दूसरे से पूछते है।

मानव शरीर की कुछ जरूरते होती है, जिनको पूरा करने के लिए आज युवा पीढ़ी, शादी से पहले शारीरिक रिश्ते में आने को गलत नहीं समझते है। पहले के जमाने में शारीरिक संबंध शादी के बाद ही लोग बनाते थे। लेकिन वर्तमान समय में हमारी युवा पीढ़ी को लिव इन रिलेशन में रहने में और शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने से किसी प्रकार की आपत्ति नहीं है। शादी से पहले सेक्स करना कपल्स के लिए आम बात हो सकती है, लेकिन एक नए अध्ययन से पता चलता है कि जो कपल्स शादी तक इंतजार करते है, वे उन जोड़ों की तुलना में सेक्स लाइफ से अधिक खुश होते हैं, जो अपनी शादी से पहले संभोग करते है।

हमारे परिवार वाले और सभी धर्मों के धर्मग्रन्थ है वे सभी यहीं समझाते है कि विवाह पूर्व यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए। बिना शादी के सेक्स करने से लड़की के गर्भवती होने, प्रेमी से शादी न होने पर जिन्दगी भर कुंठित रहने, प्रेमी द्वारा ‘ब्लैक-मेलिंग’ करने और सेक्स-संबंध बनाने की आदती हो जाने का खतरा है। लड़कों पर बलात्कार के आरोप लग सकते हैं और उन्हें थाना व कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। सजा होने पर उनका कैरियर ही नहीं बल्कि उनकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो सकती है। महिलाओं की पूर्ण आजादी की पक्षधर आज के समय की बहुत सी युवतियों का विवाह जैसी प्राचीन और परम्परागत प्रथा पर विश्वास कम हो रहा है। इस तरह का विवाह बंधन उन्हें ये पुरुषों की गुलामी समझ में आती है।

भारत के सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि अगर कोई महिला और पुरुष बिना विवाह के बंधन में बंधे साथ रहते हैं तो यह कोई अपराध नहीं है। अगर कोई दो वयस्क साथ रहना चाहते है तो इसमें अपराध कहां हुआ। ये अपराध नहीं हो सकता। भारत में ऐसा कोई क़ानून नहीं है जो शादी से पहले यौन संबंधों की मनाही करता हो।

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