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चंद्र ग्रहण 2023 : चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं न करें ये काम, भुगतना पड़ेगा गंभीर परिणाम


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नई दिल्लीः 28 अक्तूबर 2023 को साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगेगा। यह चंद्र ग्रहण रात 01 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा और 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। भारत में इस ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटे 16 मिनट की होगी। ऐसा कहा जाता है कि पूर्णिमा की रात जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने की कोशिश करते हैं, तब चंद्रमा पर ग्रहण लगता है। वहीं चंद्र ग्रहण से कुछ घंटे पहले सूतक काल लग जाता है।

चंद्र ग्रहण 2023 समय

भारत में चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर 2023 को देर रात 01.06 पर शुरू होगा और देर रात 02.22 पर खत्म होगा. चंद्र ग्रहण में सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. ऐसे में शरद पूर्णिमा के दिन से यानि 28 अक्टूबर 2023 को दोपहर 2.52 से सूतक शुरू होगा जो ग्रहण समाप्ति पर ही खत्म होगा.

चंद्र ग्रहण गर्भवती महिलाओं के लिए शुभ नहीं माना जाता हैं

ग्रहण के दौरान हम सभी को सावधानी बरतनी चाहिए। इस दौरान भोजन व किसी नुकीली चीजों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। चंद्र ग्रहण गर्भवती महिलाओं के लिए शुभ नहीं माना जाता क्योंकि ग्रहण के दौरान कुछ नकारात्मक शक्तियां निकलती हैं, जिसका प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर होता है। इसी कड़ी में आइए जानते हैं कि, चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कौन से काम नहीं करने चाहिए।

ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्तियां होने लगता है हावी


ज्योतिषाचार्य प्रदीप आचार्य बताते हैं कि चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बेहद सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के समय नकारात्मक शक्तियां हावी होने लगती हैं, जिसकी वजह से गर्भवती महिलाओं और उनके शिशु पर अशुभ प्रभाव पड़ता है. इसे लेकर ही, ग्रहण के समय कई सारे नियम बनाए गए हैं. उन्होंने बताया कि 28 अक्टूबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण मध्य रात्रि के 12:05 से लेकर 2:25 तक रहेगा जो भारत में दृश्यमान होगा.

ग्रहण के दौरान क्या न करें

भोजन न करें
गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से होने वाले बच्चे के जीवन पर बुरा असर पड़ सकता है। माना जाता है कि, ग्रहण का समय दुष्प्रभावों से भरा होता है। ऐसे में किसी भी चीज का सेवन न करें।

नोकदार वस्तुओं का प्रयोग न करें
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सुई, चाकू, कैंची जैसी नोकदार वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि नोकदार वस्तु के इस्तेमाल से बच्चे को दुष्प्रभाव झेलना पड़ सकता है।

घर से बाहर न जाएं
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, चंद्र ग्रहण शुरू होने से लेकर उसके समापन तक ग्रहण की रोशनी से खुद को बचाना चाहिए। साथ ही ग्रहण देखने की भूल गलती से भी न करें नहीं तो गर्भ में पल से बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

ग्रहण के दौरान सोना अशुभ होता है
ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए। कहा जाता है कि इस दौरान सोने से बच्चा मानसिक रूप से मंद पैदा होता है। इसलिए चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान का स्मरण करने के सलाह दी जाती है।

जरूर करें ये काम
ग्रहण काल समाप्त होने के बाद गर्भवती महिलाओं को स्नान करना चाहिए। कहते हैं कि ग्रहण का अशुभ प्रभाव हर व्यक्ति पर पड़ता है। इसलिए स्नान करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान घर में गंगाजल का छिड़काव जरूर करें।

गर्भवती महिलाएं रखें इन दस बातों का ध्यान


– किसी भी गर्भवती महिला को चंद्र ग्रहण के दौरान घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए और चांद को नहीं देखना चाहिए.
– गर्भवती महिलाओं को चंद्रग्रहण के दौरान घर के अंदर उस जगह पर बैठना चाहिए, जहां चांद की किरणें भी नहीं पहुंचे और ना ही प्रकाश होना चाहिए.
– गर्भवती महिलाओं को चंद्रग्रहण के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए, और पूजा पाठ मन में ही करना चाहिए, मंदिरों में नहीं जाना चाहिए.
– चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी व्यक्ति को भगवान की मूर्ति छूने से परहेज करना चाहिए. भगवान का नाम केवल मन में ही लेना चाहिए.
– ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला के पास एक नारियल रखना चाहिए. माना जाता है कि नारियल रखने से सभी प्रकार के दोष कट जाते हैं. ग्रहण के बाद उसे किसी नदी में विसर्जित करना चाहिए.

चंद्र ग्रहण के दौरान सुई धागा से लेकर हथियार तक का प्रयोग गर्भवती महिलाओं को नहीं करना चाहिए. ग्रहण के दौरान कपड़े सिलने की भी मनाही होती है.
– चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को उठने बैठने में सावधानी बरतनी चाहिए. इतना ही नहीं ग्रहण लगने के दौरान उन्हें भोजन खाने से भी परहेज करना चाहिए.
– चंद्र ग्रहण के दौरान जिस कमरे में गर्भवती महिला हो वहां एक लोटा जल रख देना चाहिए. जिससे ग्रहण का प्रभाव कम हो जाता है. बाद में, जल को किसी पौधे की जड़ या किसी शुद्ध स्थान पर फेंकना चाहिए.
– चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला के शरीर के बराबर धागा माप कर रख देना चाहिए. बाद में उस धागे को किसी पेड़ में बांध देना चाहिए.
– चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला को कमरे में टहलते रहना चाहिए, उन्हें सोने की मनाही है. इन सब बातों का ध्यान रखकर गर्भवती महिलाएं चंद्र ग्रहण के दुष्प्रभाव से बच सकती हैं.

गर्भवती महिलाएं चंद्र ग्रहण के दौरान अपने पास श्रीफल रखें। जब ग्रहण समाप्त हो जाए, तो उसे बहती जलधारा में प्रवाहित कर दें। चूंकि, देर रात तक चंद्र ग्रहण है। अतः नारियल को प्रातः काल में भी बहा सकती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को अपने पेट पर गेरू लगाकर रखना चाहिए। इससे पेट में पल रहे शिशु पर ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। साथ ही शिशु स्वस्थ रहता है। ग्रहण के दौरान जगत के पालनहार भगवान विष्णु या देवों के देव महादेव के निमित्त मंत्र जाप करें। आप विष्णु और शिव बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं। गायत्री और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी श्रेष्ठ होता है।

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