मुंबई – हर घर में मशहूर हुईं टीवी शो बालिका वधू में आनंदी का किरदार निभाने वाली प्रत्युषा बनर्जी को आज तक कोई नहीं भूला पाया है. 24 साल की प्रत्युषा बनर्जी ने एक अप्रैल 2016 को गोरेगांव इलाके में अपने फ्लैट में फंदे से लटककर सुसाइड कर ली थी. अब हाल ही में इस सुसाइड केस में नया मोड़ सामने आया है.
साल 2008 में शुरू हुआ टीवी शो बालिका वधू काफी पॉपुलर था. इस शो के सभी किरदार अपने अभिनय के चलते घर घर पहचाने जाने थे. बालिका वधू के रोल में सबसे पहले अविका गौर छोटी आनंदी बनकर लोगों के दिलों में छा गई थीं. उसके बाद बड़ी आनंदी का किरदार एक्ट्रेस प्रत्युषा बेनर्जी ने निभाया था. हालांकि 24 साल की प्रत्युषा ने साल 2016 की एक अप्रैल को अपने गोरेगांव इलाके के फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. एक्ट्रेस की सुसाइड से पूरा टीवी जगह हिल गया था. सुसाइड को लगभग 8 साल बीत चुके हैं और अब इस मामले में एक नया मोड आया है.
‘बालिका वधू’ की ‘आनंदी’ बनकर लोगों के दिलों में पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस प्रत्युषा बनर्जी (Actress Pratyusha Banerjee) ने साल 2016 में इस दुनिया को अलविदा (goodbye) कह दिया था, लेकिन आज भी लोग उन्हें खूब याद करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक्ट्रेस ने बॉयफ्रेंड (boyfriend) से मिले धोखे की वजह से परेशान होकर खुदकुशी (suicide) जैसा कदम उठाया था। प्रत्युषा बनर्जी की आत्महत्या का मामला आज भी कोर्ट में चल रहा है। अब इस पर उनके पिता ने चुप्पी तोड़ी है और दावा किया है कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती थी। तो चलिए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है।
मुंबई की एक कोर्ट ने प्रत्युषा बनर्जी के सुसाइड केस को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने प्रत्युषा को सुसाइड के लिए उकसाने के आरोपी राहुल सिंह की आरोप से मुक्त करने की अर्जी खारिज कर दी और कहा कि राहुल सिंह के उत्पीड़न ने ही प्रत्युषा को सुसाइड के बारे में सोचने पर मजबूर किया था. कोर्ट के इस फैसले से कहीं ना कहीं प्रत्युषा के मां-बाप को भी सुकून मिला है.
कोर्ट ने इस मामले में आगे कहा है कि सभी हालातों और बातों को ध्यान में रखते हुए ये साफ है कि राहुल सिंह के द्वारा शारीरिक, फीलिंग्स और फाइनेंशियल उत्पीड़न और शोषण किया गया है, जिसके कारण प्रत्युषा बनर्जी इन हालातों तक पहुंच गई थीं. कोर्ट का कहना है कि राहुल द्वारा एक्ट्रेस की परेशानियों को दूर और कम नहीं किया गया, जिसके कारण इन चीजों से साफ तौर पर कहा जा सकता है कि प्रत्युषा को सुसाइड के लिए उकसाने का काम किया गया है.
पिछले दिनों खबर आई थी कि मुंबई की एक अदालत ने अभिनेत्री को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी राहुल राज सिंह की आरोपमुक्ति की अर्जी खारिज करते हुए कहा है। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट है कि राहुल द्वारा शारीरिक, भावनात्मक और वित्तीय उत्पीड़न और शोषण ने मृतक को डिप्रेशन में डाल दिया था। राहुल ने प्रत्युषा को डिप्रेशन से निकालने के लिए कोई कदम नहीं उठाया था। इसलिए यह उकसाने के दायरे में तो आता है।
आपको बता दें कि प्रत्युषा बनर्जी सुसाइड केस में राहुल राज सिंह ने कोर्ट में अर्जी दी थी, कि उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया जाए. हालांकि कोर्ट ने उनकी इस अर्जी को पूरी तरह से खारिज कर दिया है और कोर्ट का कहना है कि राहुल के कारण ही प्रत्युषा ने सुसाइड का कदम उठाया है.कोर्ट ने अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि सब बातों को देखते हुए यह स्पष्ट होता है कि सिंह के शारीरिक, भावनात्मक और वित्तीय उत्पीड़न और शोषण की वजह से प्रत्युषा बनर्जी डिप्रेशन की स्थिति में पहुंच गई थीं, राहुल सिंह ने उसकी तकलीफों को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया बल्कि उसकी हरकतों ने स्पष्ट रूप से बनर्जी को सुसाइड के लिए उकसाने का काम किया.
अब प्रत्युषा के पिता शंकर बनर्जी ने एक इंटरव्यू में अपनी बेटी के लिए इंसाफ की गुहार लगाते हुए कहा, ‘इस केस को शुरू होने में ही आठ साल लग गए हैं। हम लोग शुरू से ही चीख-चीख कर कह रहें है कि हमारी बेटी ने सुसाइड नहीं किया है बल्कि उसका मर्डर हुआ है। इन चीजों को सामने आने में इतना समय लग गया है कि हमें कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या कहा जाए, लेकिन हमें इंसाफ की उम्मीद है।’
वहीं, इस पूरे मामले में प्रत्युषा के पिता ने एक इंटरव्यू में कहा था कि हमारी बेटी के केस को शुरू होने में ही आठ साल लग गए. उन्होंने कहा कि हम शुरुआत से कहते आ रहे हैं कि उसने सुसाइड नहीं किया है, बल्कि उसका मर्डर हुआ है. हालांकि सच आज नहीं तो कल सच बाहर निकल कर आएगा ही, कोर्ट में सच सामने आ ही जाता है.
प्रत्युषा के पिता शंकर बनर्जी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि इस केस को शुरु होने में ही आठ साल लग. हम लोग पहले से ही चीख-चीख कर कह रहें है कि हमारी बेटी ने सुसाइड नहीं किया है बल्कि उसका मर्डर हुआ है. इन चीजों को सामने आने में इतना समय लग गया है कि हम क्या ही बोलें. उन्होंने आगे कहा कि हर सच बाहर निकल कर आएगा ही, कोर्ट किसी का नहीं होता है. वहां जो सच होगा वो सबके सामने आ ही जाता है.शंकर बनर्जी ने आगे कहा कि मेरी बेटी का सच बाहर निकल कर जरूर आएगा ही। कोर्ट किसी का नहीं होता है। वहां जो सच होगा वो सबके सामने आ ही जाता है। मेरी बेटी को जरूर इंसाफ मिलेगा।