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Big News : भारत में अभी आ सकती हैं कोरोना की और लहरें : WHO


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नई दिल्ली – देश में कोविड-19 के नए मामले पिछले कुछ दिनों में कम हुए हैं, हालांकि संक्रमण से मौत के आंकड़ों में कमी नहीं आई है। सोमवार को 25 दिन बाद संक्रमण के नए मामले 3 लाख से कम आए हैं। ग्रामीण इलाकों में संक्रमण के फैलने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों या उप केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों समेत सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में रैपिड एंटीजन जांच (आरएटी) किट्स उपलब्ध होनी चाहिए।

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कोविड-19 महामारी की आगामी लहरों को लेकर चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा है कि आने वाले वक्त में कोरोना की और लहरें भारत की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। डॉ. सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि कोरोना से जंग में अगले 6-18 महीने भारत के प्रयासों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण रहने वाले हैं।

एक मीडिया पब्लिकेशन में दी गयी इंटरव्यू में डॉ. स्वामीनाथन ने कहा – महामारी की इस जंग में बहुत कुछ वायरस के विकास पर भी निर्भर करता है। वेरिएंट्स के खिलाफ वैक्सीन की क्षमता और वैक्सीन से बनने वाली इम्यूनिटी कितने समय तक लोगों का बचाव करती है, ये काफी मायने रखता है। इसमें बहुत कुछ बदल रहा है। आगे उन्होंने कहा – हम जानते हैं कि महामारी के इस घातक चरण का निश्चित तौर पर एक अंत होगा। साल 2021 के अंत तक हम ऐसा देख सकते हैं, जब दुनिया की तकरीबन 30 फीसद आबादी वैक्सीनेट हो जाए। यही वो समय होगा जब हम लगातार हो रही मौतों में गिरावट देखना शुरू करेंगे। इसके बाद 2022 में वैक्सीनेशन में तेजी आ सकती है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश बीमारी से निपटने के लिए WHO के प्रोटोकॉल्स का सहारा ले सकता है।

उन्होंने कहा कि भारत में उपलब्ध वैक्सीन कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ काफी प्रभावशाली है। हालांकि कई मामलों में दो डोज लेने वाले लोग भी संक्रमित हुए हैं। कुछ लोगों को हॉस्पिटलाइज भी किया गया है। लेकिन, इसमें कोई संदेह नहीं कि कुछ मामलों में ऐसा होता है। क्योंकि कोई वैक्सीन 100 प्रतिशत बचाव नहीं करती है। हालांकि दो डोज लेने वाले अधिकांश लोग घातक बीमारी से बच निकलने में कामयाब हुए हैं।

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