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लाइफस्टाइल

बॉडी से जहरीले तत्व बाहर निकालने के लिए डाइट में शामिल करें ये फूड


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नई दिल्लीः बॉडी बेहतर तरीके से काम करे और रोगों से दूर रहे, इसके लिए बॉडी में मौजूद जहरीले पदार्थों का बाहर निकलना जरूरी है। ऐसे पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया डिटॉक्सीफिकेशन कहलाती है।गलत खान-पान की आदतें और खराब लाइफस्टाइल हमारी सेहत पर बुरा असर डालते हैं। यही वजह है कि हमारे शरीर में विषैले तत्व बनने लगते हैं जो हमें बीमार बना देते हैं। इन्हें शरीर से बाहर निकालना अति आवश्यक होता है। इसके लिए हमें ऐसी आदतें डालनी होंगी जिससे शरीर डिटॉक्सिफाई (दूषित चीजें बाहर) हो जाए। सबसे पहले एक प्लान बना लें। इसके लिए आपको कुछ चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना होगा। आइए जानते हैं क्या है वो चीजें…

डाइट में लिक्विड चीजों की मात्रा बढ़ाएं

खीरा

खीरे में 96 प्रतिशत पानी और फाइबर पाया जाता है जो हमारे शरीर से खतरनाक केमिकल्स और एसिडिक पदार्थों को बाहर कर डायजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाता है। इसे खाने से हमारी स्किन पर ग्लो भी साफ दिखता है। आप चाहैं तो इसे सलाद में या फिर रायता बनाकर भी खा सकते हैं।

लेमनेड क्लींज

यह विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर करने में तथा वज़न घटाने में सहायक होता है। लेमनेड क्लींज बनाने के लिए पानी, नींबू का रस, मेपल सिरप और काली मिर्च को मिलाकर एक पेय बनाकर पिएं।

हरा धनिया

धनिये में एंटी फंगल और एंटीसेप्टिक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में नुकसानदायक तत्वों को सेल्स से दूर रखते हैं। इसके अलावा यह हमारे शरीर की सफाई करने वाले एंजाइम्स को बढ़ाते हैं और शरीर से सारे विषैले पदार्थों को बाहर निकालते हैं। इसे अपनी डाइट में शामिल करें और इसकी पत्तियों को खाने में डालने के अलावा कच्चा चबाकर भी खाएं।

हरी प्याज

हरी प्याज भी हमारे शरीर से विषैले तत्वों को खत्म करने में मदद करती है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स और सल्फर शरीर को डिटॉक्स करने वाले एंजाइम्स को सक्रिय कर देते हैं। हरी प्याज के सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम होता है, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी कम रहता है। इसलिए आज से ही हरी प्याज खाना शुरू कर दें। इसकी आप सब्जी भी बना सकते हैं और सलाद के रूप में भी इसका सेवन कर सकते हैं

चुकंदर

शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करने के लिए चुकंदर को बेहद कमाल का फूड माना जाता है। चुकंदर में बिटालिन्स नामक एक खास प्रकार का फाइटोन्यूट्रिएंट पाया जाता है, जिसमें बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन के गुण होते हैं। लिवर को साफ करने के लिए चुकंदर काफी फायदेमंद माना जाता है।

अखरोट

अखरोट हमारे दिल को हेल्दी रखता है, इस बारे में तो आपने बहुत सुना होगा, लेकिन इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी होता है। इसके सेवन से शरीर में विषाक्त पदार्थ जिससे स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां पैदा होती हैं वो सब धीरे धीरे बाहर हो जाते हैं। शरीर के डिटॉक्सिफिकेशन के लिए अखरोट वरदान समान है।

नींबू

रोजाना सुबह के समय खाली पेट गर्म पानी में नींबू का रस डालकर पीने से शरीर के विषाक्त पदार्थ निकालने में मदद मिलती है। साथ ही खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू डालकर पीने से जठरांत्र क्रिया उत्तेजित हो जाती है, जिससे पाचन प्रणाली तेज होती है और शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को निकालने में मदद मिलती है। (how to detox body with lemon)

अनार

अनार में पर्याप्त मात्रा में विटामिन-सी और फाइबर होते हैं। यह हृदय को स्वस्थ रखने और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मददगार है। 250 ग्राम अनार का सेवन या 250 एमएल अनार का जूस रोज़ाना पी सकते हैं।

पत्ता गोभी

अच्छा फाइबर का स्रोत होने के साथ-साथ इसमें कई ऐसे खास प्रकार के एजेंट पाए जाते हैं, जो बॉडी को डिटॉक्स करने का काम करते हैं। हफ्ते में एक या दो बार पत्ता गोभी की सब्जी जरूर खाएं, जिससे शरीर से विषाक्त पदार्थों से निकलने में मदद करते हैं।

सनफ्लॉवर के बीज

सनफ्लॉवर के बीज में सेलेनियम केमिकल और विटामिन-ई पाए जाते हैैं, जो हमारे लिवर के काम करने की क्षमता को बढ़ाते हैं। इसके अलावा ये हमारे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बनने से भी रोकते हैं।

लहसुन

इसमें शक्तिशाली एंटीवायरल, एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण होते हैं। लहसुन डिटॉक्सिफिकेशन एंजाइम का उत्पादन करने के लिए लिवर को उत्तेजित करता है। यह एंजाइम पाचन तंत्र से विषाक्त पदार्थों को फ़िल्टर करने में मदद करते हैं। 4 ग्राम लहसुन एक दिन के लिए पर्याप्त होता है।

ब्रोकली

ब्रोकली स्प्राउट्स में महत्वपूर्ण फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो पाचन तंत्र में डिटॉक्सीफिकेशन एंजाइम्स को उत्तेजित करते हैं। 100 ग्राम ब्रोकली का सेवन डिटॉक्सीफिकेशन के लिए अच्छा होता है।

बेरी का रोज़ाना सेवन

सभी बेरीज़ जैसे स्ट्रॉबेरी, रास्पबेरी, ब्लैकबेरी और ब्लूबेरी आदि विटामिन सी और फाइबर के अच्छे स्रोत हैं। इनका सेवन करने पर ब्यूट्रेट उत्पादन में मदद मिलती है। 100 ग्राम बेरी का रोज़ाना सेवन पर्याप्त है।इसमें ब्रोमलेन नामक एंजाइम होता है जो प्रोटीन को अलग करने और उसके पाचन में मदद करता है। यह सूजन भी कम करता है तथा चोट को जल्द ठीक करने में सहायक है। महिलाओं के लिए 21 से 25 ग्राम अनानास तथा पुरुषों के लिए 30 से 38 ग्राम अनानास का सेवन करने की सलाह दी जाती है।यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है और विटामिन बी 3, बी 6 के अलावा बीटा- कैरोटीन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और आयरन का अच्छा स्रोत है। यह फाइबर पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क़रीब 150 ग्राम चुकंदर का सेवन शरीर के लिए ज़रूरी नाइट्रेट की पूर्ति करता है।

सेब

सेब में विटामिन, फाइबर और खनिज भरपूर मात्रा में होते हैं और फाइटोकेमिकल और पेक्टिन जैसे प्राकृतिक तत्व भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। ये सभी मिलकर विषाक्त तत्वों को दूर करने में मददगार होते हैं। सेब को कच्चा ही खाएं। इसे छिलके सहित खाने पर विटामिन सी और फाइबर प्राप्त होता है।

अदरक

शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए अदरक का सेवन करना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। अदरक शरीर में जाकर रोगाणुओं से लड़ता है और साथ ही शरीर से जहरीले पदार्थों को निकालने में भी मदद करता है। आप अदरक को अपने आहार में डालकर या उसका काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।

हल्दी

हल्दी के एंटी-बैक्टिरीयल गुणों के कारण कई सालों से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें कर्क्युमिन पाया जाता है, जो लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। यह फ्री रेडिकल डैमेज से भी आपको बचाता है। इसलिए हल्दी को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं, जो आपकी बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन के लिए मददगार है।

फाइबर युक्त भोजन

फाइबर युक्त भोजन आपके शरीर के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि फाइबर की सही मात्रा खाने से डाइजेस्टिव सिस्टम स्ट्रांग रहता है और फाइबर से वजन को कम करने में मदद मिलती है, ब्लड शुगर का लेवल कम रहता है और कॉन्स्टिपेशन की समस्या भी ठीक होती है.हाइड्रेटिंग फूड्स दिनभर शरीर को हाइड्रेट रखने की बात पर जितना ज़ोर दिया जाए, उतना कम है. ध्यान रखें कि आप जितना अधिक पानी पिएंगे, आपका खून उतना ही अधिक साफ रहेगा. अगर आप खून को साफ करने के लिए नैचुरल तरीके की तलाश कर रहे हैं, तो इसके लिए सही मात्रा में पानी का सेवन करें. हर दिन कम से कम आठ गिलास पानी पिएं.

सब्ज़ियों का सेवन

सब्जियां फाइटोकेमिकल्स से भरपूर होती हैं, जो हार्मोंस रेगुलेट करने, इम्यूनिटी को बढ़ाने और बॉडी सेल में होने वाले नुकसान से बचाती है, लीवर डिटॉक्स के लिए विशेष रूप से प्याज, लहसुन, आर्टिचोक, और ब्रोकोली, फूलगोभी, गोभी, कोलार्ड ग्रीन्स, केल और ब्रसेल्स स्प्राउट्स जैसी क्रूस वाली सब्जियां शामिल होती हैं.

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