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साल भर में 10 लाख रुपए कमाने पर भी नहीं देना पड़ेगा टैक्स, जानें कैसे


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नई दिल्ली – एक आम भारतीय वरिष्ठ नागरिक के लिए 5 लाख रुपये तक की करयोग्य आमदनी टैक्स फ्री है। अगर आपकी करयोग्य आमदनी अगर पांच से दस लाख रुपये है तो आपको 20% इनकम टैक्स चुकाना पड़ता है। सालाना 10 लाख रुपये से अधिक की करयोग्य आमदनी पर 30% के हिसाब से इनकम टैक्स चुकाना पड़ता है। हालांकि Income Tax के नए स्लैब का फायदा आपको तभी मिलेगा, जब आप किसी तरह के डिडक्शन और टैक्स छूट का फायदा नहीं लेंगे।

इस हिसाब से सालाना 10 लाख रुपये से अधिक की आमदनी पर भी आपकी Income Tax देनदारी शून्य हो सकती है। आयकर बचाने के इन विकल्पों में से हालांकि बहुत से खर्च या निवेश आपके नियोक्ता पर भी निर्भर हैं। इन सभी प्रावधानों का लाभ उठाने के लिए आपका सैलरी स्ट्रक्चर टैक्स फ्रेंडली होना जरूरी है। इसमें आपका नियोक्ता आपकी बड़ी मदद कर सकता है।

इनकम टैक्स (Income Tax) के मौजूदा नियमों के हिसाब से इस समय 2.5 लाख रुपये की सालाना आमदनी पर आपको कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ता। इसके बाद इनकम टैक्स कानून (IT Act) के सेक्शन 80C के तहत EPF, PPF, ELSS, NSC में निवेश और दो बच्चों के ट्यूशन फीस के रूप में आप सालाना 1.5 लाख रुपये तक की रकम पर इनकम टैक्स में छूट का लाभ उठा सकते हैं। अगर आप अपनी तरफ से नेशनल पेंशन सिस्टम या एनपीएस (NPS) में सालाना 50,000 रुपये तक निवेश करते हैं तो इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80CCD (1B) के तहत आपको अलग से Income Tax बचाने में मदद मिलती है। इस हिसाब से अब तक 2.5 लाख रुपये की टैक्स फ्री आमदनी, 80C में निवेश कर 1.5 लाख तक की बचत और NPS में 50,000 के निवेश के बाद इनकम टैक्स से बचत की आपकी कुल रकम 4.5 लाख रुपये हो गई।

इसे इस तरह से समझिये –
– अगर आपका घर मेरठ में है और आप जॉब करने या कारोबार के लिहाज से दिल्ली में रहते हैं तो आपके लिए इनकम टैक्स बचाने के दो बेहतरीन मौके हैं। अगर आपने मेरठ में होम लोन लेकर घर खरीदा है तो उसके होम लोन के लिए चुकाए जाने वाले दो लाख रुपये तक के ब्याज पर आप इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 24 के तहत राहत पा सकते हैं। दिल्ली में अगर आप किराए पर रहते हैं तो आपको अपने नियोक्ता से मिलने वाले HRA की रकम पर टैक्स छूट मिल सकती है।

– अगर आप नौकरी या कारोबार के लिहाज से दिल्ली में किराये के मकान में रहते हैं तो आप इस पर अपने वेतन के HRA (हाउस रेंट एलोएंस) पर इनकम टैक्स में राहत पाने का दावा कर सकते हैं। इनकम टैक्स कानून के मुताबिक शर्त सिर्फ यह है कि खरीदा गया घर और किराये पर लिया गया घर एक ही शहर में नहीं होने चाहिए। किसी व्यक्ति की कमाई पर इनकम टैक्स चरणबद्ध तरीके से लगता है। जैसे-जैसे आपकी कमाई बढ़ती जाएगी वैसे-वैसे Income टैक्स का रेट भी ज्यादा होता जाएगा।

– दिल्ली में किराये के रूप में मकान मालिक को सालाना एक लाख रुपये रेंट चुकाते हैं। Income Tax कानून के हिसाब से आप HRA की इस रकम पर आयकर में छूट का दावा कर सकते हैं। अब तक बताये गए प्रावधानों के हिसाब से आपके इनकम टैक्स में राहत की रकम 7.5 लाख रुपये की रकम शामिल हो गयी है। इनकम स्लैब के हिसाब से टैक्स की दरें तय की जाती है। सरकार हर साल केंद्रीय बजट में इनकम टैक्स स्लैब रेट की समीक्षा करती है।

– अगर आपका नियोक्ता LTA के रूप में आपको सालाना 50,000 रुपये तक की रकम देता है तो आप अपने परिवार के साथ किसी यात्रा की स्थिति में उसका बिल जमा करने के बाद इस रकम को भी Income Tax के दायरे से बाहर रखने में मदद हासिल कर सकते हैं। चार साल के ब्लॉक में LTA की रकम पर दो बार Income Tax में छूट का लाभ मिल सकता है। इस हिसाब से अगर इस रकम को सालाना हिसाब से बांट दिया जाय तो यह 25,000 रुपये बैठता है।

– अगर दफ्तर आने-जाने के आवागमन भत्ते के मद में आपका नियोक्ता सालाना 1.60 लाख रुपये देता है, फूड वाउचर के रूप में आपको सालाना 26,000 रुपये मिलते हैं और कम्युनिकेशन के लिए आपको सालाना 50,000 रुपये तक मिलता है तो आप इनका बिल चुकाने के बाद Income Tax बचाने में मदद हासिल कर सकते हैं।

– नियोक्ता की तरफ से NPS में योगदान पर सेक्शन 80CCD(2) के तहत टैक्स (Income Tax ) छूट का लाभ उठाया जा सकता है। इस सेक्शन में भी निवेश की अधिकतम सीमा वेतन का 10% है। अगर आपकी सैलरी में बेसिक+डीए हर महीने 30,000 रुपये है तो इसका 10% हिस्सा 3000 रुपये NPS में आपके एम्प्लायर की तरफ से निवेश किया जाना चाहिए। इनकम टैक्स में आपको सालाना इस मद में 36,000 रुपये तक की रकम पर राहत मिल सकती है।

– Zero Income Tax: क्या आप हर साल काफी इनकम टैक्स चुकाते हैं? अगर हां तो आप अपना टैक्स काफी घटा सकते हैं। 10 लाख रुपये सालाना तक की आमदनी पर आप इनकम टैक्स की देनदारी घटाकर शून्य कर सकते हैं। अगर आपने होम लोन लेकर घर खरीदा है और आपका नियोक्ता आपके सैलरी स्ट्रक्चर को टैक्स फ्रेंडली बना दे तो सालाना दस लाख रुपये की कमाई पर आपको कोई इनकम टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं है।

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