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ब्रिक्‍स में पीएम मोदी और चीनी राष्‍ट्रपति की हुई मुलाकात


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नई दिल्लीः ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने आज मुलाकात की। दोनों ने हाथ मिलाए और एक-दूसरे का अभिवादन किया। इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री और जिनपिंग ने पूर्ण सत्र में भाग लिया था लेकिन फोटोग्राफ सत्र के दौरान अलग-अलग खड़े थे। लद्दाख के गलवान में हुई सेना की झड़प के बाद पहली बार दोनों में मुलाकात बाली में हुई थी।पीएम मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के बीच ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन के दौरान दक्षिण अफ्रीका में संक्षिप्‍त बातचीत हुई है। पीएम मोदी और शी जिनपिंग को वीडियो में आपस में बातचीत करते हुए देखा जा सकता है। शी जिनपिंग को अगले महीने जी-20 बैठक में हिस्‍सा लेने दिल्‍ली आना है।

जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आज मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और एक-दूसरे का अभिवादन किया। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में, पीएम मोदी को चीनी राष्ट्रपति से बात करते हुए देखा गया जब वे ब्रिक्स नेताओं की ब्रीफिंग के लिए जा रहे थे।बुधवार को, प्रधानमंत्री और जिनपिंग ने पूर्ण सत्र में भाग लिया था, लेकिन फोटोग्राफ सत्र के दौरान अलग-अलग खड़े थे। इससे पहले दिन में, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स के विस्तार को बेहतर निर्णय बताया। बता दें कि ब्रिक्स में छह नए देश जुड़े हैं, जिसमें अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) शामिल हैं।

लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक बातचीत हुई है। इस घटना के वीडियो में नजर आ रहा है कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग आपस में अनौपचारिक बातचीत कर रहे हैं। दोनों ही नेता प्रेस को बयान जारी करने से पहले मंच पर जा रहे थे। इस दौरान रास्‍ते में पीएम मोदी शी जिनपिंग को कुछ समझाते हुए नजर आ रहे हैं। यही नहीं मंच पर दोनों नेताओं ने हाथ भी मिलाया.

पिछले नवंबर में, पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति से हाथ मिलाया था और बाली में जी20 नेताओं के लिए औपचारिक रात्रिभोज में संक्षिप्त बातचीत की थी, जो 2020 में लद्दाख में सैन्य गतिरोध की शुरुआत के बाद सार्वजनिक रूप से उनकी पहली आमने-सामने की मुलाकात थी। जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच तनाव है। दोनों देशों ने स्थिति को सुलझाने के लिए 19 दौर की सैन्य स्तर की वार्ता की है।इससे पहले दिन में, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स के विस्तार का स्वागत किया जिसके अंतर्गत अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी शहर में ब्रिक्स नेताओं की ब्रीफिंग में कहा, ‘भारत ने हमेशा ब्रिक्स के विस्तार का समर्थन किया है. भारत ने हमेशा माना है कि नए सदस्यों को जोड़ने से ब्रिक्स एक संगठन के रूप में मजबूत होगा.”

मीडिया ब्रीफिंग में मोदी ने कहा कि अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को नए सदस्यों के रूप में शामिल करने से समूह को नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी। जोहानिसबर्ग में तीन दिवसीय ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अंत में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने पांच देशों के समूह के विस्तार पर निर्णय की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नए सदस्य देश एक जनवरी, 2024 से ब्रिक्स का हिस्सा बन जाएंगे।पीएम मोदी ने कहा कि समूह के विस्तार का निर्णय बहुध्रुवीय दुनिया में कई देशों के विश्वास को और मजबूत करेगा.गलवान हिंसा के बाद यह पहली बार हुआ था कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई थी। अब शी जिनपिंग को नई दिल्‍ली आना है लेकिन अभी तक इसको लेकर औपचारिक ऐलान नहीं हो पाया है। इस बीच दोनों देशों में ब्रिक्‍स के विस्‍तार को लेकर तनाव बना हुआ था लेकिन अब उसका हल हो गया है। ब्रिक्‍स में 6 नए देशों को शामिल किया जा रहा है। ब्रिक्स द्वारा छह देशों को अपने नए सदस्य के तौर पर शामिल करने के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि समूह का आधुनिकीकरण और विस्तार यह संदेश है कि सभी वैश्विक संस्थानों को बदलते दौर में खुद को बदलने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि ‘हम समूह के नए सदस्य देशों के साथ काम करके ब्रिक्स को नई गतिशीलता देने में सक्षम होंगे.’ नए ब्रिक्स सदस्यों के रूप में शामिल किए गए देशों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इन सभी के साथ भारत के बहुत गहरे और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं.उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि हमारी टीमें ब्रिक्स के विस्तार के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों और प्रक्रियाओं पर एक साथ सहमत हुई हैं.” उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि तीन दिनों के विचार-विमर्श से कई सकारात्मक नतीजे निकले.”मोदी ने रामफोसा, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा की मौजूदगी में अपने मीडिया बयान में यह टिप्पणी की। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपना मीडिया बयान दिया। अपनी टिप्पणी में, मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा ब्रिक्स के विस्तार का पूरा समर्थन किया है तथा माना है कि नए सदस्यों के जुड़ने से समूह और मजबूत होगा।

लद्दाख के गलवान घाटी में खूनी हिंसा के बाद से ही भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव बना हुआ है। दोनों नेताओं के बीच इस मुलाकात को बहुत रोचक घटना माना जा रहा है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच 19 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई सर्वमान्‍य हल होता नहीं दिख रहा है। हाल ही में हुई ताजा बातचीत में दोनों सेनाओं के बीच सीमित वापसी पर सहमति बनी है लेकिन अभी इसको सर्वोच्‍च स्‍तर पर मंजूरी नहीं मिल पाई है। इससे पहले जी-20 के इंडोनेशिया में हुए शिखर सम्‍मेलन में पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच संक्षिप्‍त बातचीत हुई थी। पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच यह बातचीत ऐसे समय पर हुई है जब अगले महीने जी-20 देशों का नई दिल्‍ली में शिखर सम्‍मेलन होने जा रहा है। इस जी-20 शिखर सम्‍मेलन में जिनपिंग के हिस्‍सा लेने पर अभी संशय बना हुआ है।

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