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राजनीतिक मतभेदों के कारण हिंसा, डराना-धमकाना अधिकारों का उल्लंघन है; इशारों में ममता सरकार को पीएम मोदी की नसीहत


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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि राजनीति मतभेदों के कारण हिंसा और डराना-धमकाना अधिकारों का उल्लंघन है। राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। लेकिन अगर राजनीतिक मतभेदों के कारण किसी को रोकने के लिए हिंसा और धमकी का इस्तेमाल किया जाता है तो यह अधिकारों का उल्लंघन है। पीएम मोदी ने मंगलवार को कोलकाता में मतुआ समुदाय के एक कार्यक्रम में यह बात कही।

प्रधानमंत्री मतुआ समुदाय के आध्यात्मिक गुरु श्री हरिचंद ठाकुर की 211वीं जयंती के अवसर पर पश्चिम बंगाल के ठाकुरबाड़ी के श्रीधाम ठाकुरनगर में आयोजित ‘मतुआ धर्म महा मेला 2022’ को वर्चुअली संबोधित किए। पश्चिम बंगाल में 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में टीएमसी की जीत के बाद राज्य में हिंसा की कई घटनाएं हुईं हैं। इन सभी घटनाओं का सीधा आरोप सत्ताधारी पार्टी टीएमसी पर लगा है।

पीएम मोदी का यह बयान पश्चिम बंगाल में बीजेपी के पांच विधायकों के विधानसभा से निलंबन के ठीक एक दिन बाद आया है। बंगाल विधानसभा में सोमवार को टीएमसी और बीजेपी विधायकों के बीच झड़प हो गई थी। इसके बाद भाजपा के पांच विधायकों को मौजूदा सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि समाज में हिंसा और अराजकता का विरोद करना हमारा कर्तव्य है। व्यवस्था से भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए हमें अपने समाज के प्रति जागरूकता बढ़ानी होगी। अगर हम पाते हैं कि किसी को परेशान किया जा रहा है तो हमें आवाज उठानी चाहिए। समाज और राष्ट्र के प्रति यह हमारा कर्तव्य है।

पश्चिम बंगाल के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को पीएम मोदी से मुलाकात करेगा और उन्हें राज्य में कथित रूप से बिगड़ी कानून व्यवस्था से अवगत कराएगा। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र भेजकर राज्य में कानून-व्यवस्था की कथित बिगड़ती स्थिति पर बातचीत के लिए राजभवन बुलाया है।

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