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बिहार के मधुबनी का प्राथिमक स्वास्थ्य केंद्र बना गोशाला


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मधुबनी – देश में कोरोना वायरस का कहर जारी हैं उसी बीच बिहार से एक बड़ी चौंका देने वाली खबर सामने आयी हैं। देश में कोरोना से नए सक्रीय मामलो में काफी गिरावट दर्ज हुयी हैं लेकिन उससे होने वाली मौतों का आँकड़ा अभी भी बढ़ता जा रहे हैं।

एक तरफ देश के कई राज्यों में समय पर अस्पताल में बेड, चिकित्सा सुविधाएं, ऑक्सीजन न मिल पाने से मरीजों की मौत हो रही हैं। उसी बीच मधुबनी के प्रखंड की सुक्की पंचायत के सुक्की गांव से खबर सामने आयी। मधुबनी के खजौली के सुक्की गाँव में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र को गौ आश्रय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। स्वास्थ्य केंद्र तो है लेकिन यहां मरीजों की जगह जानवरों को रखा गया है।जिससे बिहार के स्वास्थ्य विभाग के कामगिरी पर कई सवाल उठा रही हैं। कहीं एंबुलेंस की जगह लोग मरीज को ठेला पर ले जा रहे हैं तो कहीं स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटका है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बीते 20 वर्षों से गोशाला चल रहा है। यहां दवाई की जगह इंसानों को गोबर देखने को मिलता है। गांव की स्थिति ऐसी है कि लोग छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी प्राइवेट क्लीनिक के भरोसे रहते हैं। यहां अगर स्वास्थ्य कैंप लगता भी है तो इसकी जानकारी लोगों तक पहुंच नहीं पाती है। सर्दी और जुकाम के लिए भी व्यवस्था नहीं है।

बिहार के PHC प्रभारी ज्योतेंद्र नारायण ने इस बात का खुलासा करते हुए मीडिया से कहा ” सुक्की उप स्वास्थ्य केंद्र पर एनएम मंजुला कुमारी प्रतिनियुक्त है, लेकिन अभी कोरोना को लेकर सभी उप स्वास्थ्य केंद्र सेवा बंद है। किराए के मकान में उपस्वास्थ्य केंद्र का संचालन हो रहा है। वहां मकान मालिक ने शायद अपना मवेशी का सामान रख लिया होगा। “

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