पंजशीर में नॉर्दन एलायंस से जंग जारी, तालिबान ने उड़ाया पुल
काबुल – अमेरिकी सेना की वापसी के बाद सिर्फ पंजशीर घाटी को छोड़कर पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया है। पंजशीर को कब्जाने के लिए सोमवार से तालिबान और नॉर्दन एलायंस के बीच जंग चल रही है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के लड़ाकों ने मंगलवार रात को भी पंजशीर इलाके में घुसपैठ की कोशिश की। तालिबान ने एक पुल उड़ाकर नॉर्दन एलायंस के लड़ाकों के बचकर निकलने का रास्ता बंद करने की भी कोशिश की है।
वहीं, सोमवार को हुई मुठभेड़ में नॉर्दन एलायंस ने तालिबान के 8 लड़ाकों को मार गिराने का दावा किया है। वहीं, इस दौरान नॉर्दन अलायंस के भी 2 लड़ाके मारे गए हैं। स्थानीय पत्रकार नातिक मलिकज़ादा ने पंजशीर में जंग को लेकर ट्वीट किए हैं। उनके मुताबिक, अफगानिस्तान के पंजशीर के एंट्रेंस पर गुलबहार इलाके में तालिबान लड़ाकों और नॉर्दर्न अलायंस के लड़ाकों के बीच मुठभेड़ हुई है। तालिबान ने यहां एक पुल उड़ा दिया है। ये पुल गुलबहार को पंजशीर से जोड़ता था। इसके अलावा नॉर्दन एलायंस के कई लड़ाकों को पकड़ा गया है।
Panjshir Update: Breaking: Intense clashes going on between the Taliban and Resistance Forces in the Golbahar area, the entrance to Panjshir. There are unconfirmed reports that the Taliban blew up a bridge connecting Golbahar road with Panjshir in the clash.
— Natiq Malikzada (@natiqmalikzada) August 31, 2021
बता दें कि काबुल से 150 किलोमीटर दूर उत्तर में स्थित पंजशीर घाटी हिंदुकुश के पहाड़ों के करीब है। उत्तर में पंजशीर नदी इसे अलग करती है। पंजशीर का उत्तरी इलाका पंजशीर की पहाड़ियों से भी घिरा है। वहीं, दक्षिण में कुहेस्तान की पहाड़ियां इस घाटी को घेरे हुए हैं। ये पहाड़ियां सालभर बर्फ से ढकी रहती हैं। 1980 के दशक में सोवियत संघ का शासन, फिर 1990 के दशक में तालिबान के पहले शासन के दौरान अहमद शाह मसूद ने इस घाटी को दुश्मन के कब्जे में नहीं आने दिया।
पहले पंजशीर परवान प्रोविंस का हिस्सा थी। 2004 में इसे अलग प्रोविंस का दर्जा मिल गया। अगर आबादी की बात करें तो 1.5 लाख की आबादी वाले इस इलाके में ताजिक समुदाय की बहुलता है।