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टेक्नोलॉजी

Twitter पर लगा 50 लाख का जुर्माना,केंद्र सरकार के पास अधिकार है


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नई दिल्ली – ट्विटर की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कंपनी ने सामग्री (कंटेंट) हटाने और ब्लॉक करने संबंधी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विभिन्न आदेशों को चुनौती दी थी. अदालत ने, इसके साथ ही कहा कि कंपनी की याचिका का कोई आधार नहीं है. न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की एकल पीठ ने ट्विटर कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और इसे 45 दिन के भीतर कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने का आदेश दिया.

कोर्ट ने फैसले के मुख्य हिस्से को पढ़ते हुए कहा, ‘उपरोक्त परिस्थितियों में यह याचिका आधार रहित होने के कारण अनुकरणीय जुर्माने के साथ खारिज की जा सकती है और तदनुसार ऐसा किया जाता है.याचिकाकर्ता पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है, जो 45 दिनों के अंदर कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बेंगलुरु को देय है. यदि इसमें देरी की जाती है, तो इस पर प्रति दिन 5,000 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगेगा.

न्यायाधीश ने ट्विटर की याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘मैं केंद्र की इस दलील से सहमत हूं कि उनके पास ट्वीट को ब्लॉक करने और एकाउंट पर रोक लगाने की शक्ति है.’’ अदालत ने कहा कि फैसले में आठ सवाल तय किये गये हैं और उनमें से केवल एक सवाल का जवाब ट्विटर के पक्ष में दिया गया है, जो याचिका दायर करने के अधिकार क्षेत्र से संबंधित है, जबकि शेष सवालों का जवाब कंपनी के खिलाफ दिया गया है. इनमें सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 69ए के इस्तेमाल के लिए दिशानिर्देश जारी करने की ट्विटर की दलील भी शामिल है.

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