Tehri Acro Festival 2023:टिहरी झील के ऊपर करतब करते दिखेंगे स्काई डाइवर्स,पहाड़ियों से भरी उड़ानें
नई दिल्ली : उत्तराखंड अपनी आध्यात्म व खूबसूरती के लिए जाना जाता है, लेकिन अब एडवेंचर टूरिज्म के साथ-साथ एडवेंचर स्पोर्ट्स के रूप में भी उत्तराखंड अपनी पहचान बना रहा है. एशिया के सबसे ऊंचे बांध टिहरी झील में अंतरराष्ट्रीय एक्रो फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है. इसमें नेशनल व इंटरनेशनल पायलट बड़ी संख्या में प्रतिभाग कर रहे हैं. यह फेस्टिवल 28 नवंबर तक चलेगा. कोटी कॉलोनी में आयोजित टिहरी एक्रो फेस्टिवल के तीसरे दिन देश-विदेश के पैराग्लाइडरों ने हवा में पैराग्लाइडिंग के करतब दिखाए। इस दौरान उन्होंने प्रतापनगर की पहाड़ियों से उड़ा भरी और टिहरी झील के ऊपर से होते हुए कोटी कॉलोनी में लैंडिंग की। इस मौके पर काफी संख्या में लोग ने पैराग्लाइडर पायलटों के करतब देखे।
एडवेंचर टूरिज्म का हब
टिहरी झील राफ्टिंग डेस्टिनेशन के रूप में मशहूर होने के बाद अब एडवेंचर टूरिज्म का हब भी बन रहा है. 42 किलोमीटर तक फैले टिहरी झील में अंतरराष्ट्रीय एक्रो फेस्टिवल का आयोजन हो रहा है. इस दौरान प्रतिभागी टिहरी झील के ऊपर हवा में तरह-तरह के करतब करते हुए दिखाई दे रहे हैं.
135 पायलट कर रहे प्रतिभाग
नवंबर में, टिहरी झील में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय एक्रो फेस्टिवल 2023 की मेजबानी करने जा रहा है. टिहरी एक्रो फेस्टिवल 2023, 24 नवंबर को शुरू होगा और 28 नवंबर को समाप्त होगा. जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी ने बताया कि यह भारत का पहला इंटरनेशनल एरियल एक्रॉस्टिक शो है.इस दौरान पायलटकों ने सिंक्रो फ्लाईंग, विंग शूट जंप, स्काइ डाइविंग, एक्रो एवं एसआइवी कंपीटीशन की। दूसरे चरण की प्रतियोगिता सफलतापूर्वक संपन्न की। प्रतियोगिता के जज फेदरी टॉय, कटि डायरेेक्टर जंगीश व इंवेंट डायरेक्टर तानजी टाकवे की देखरेख में संपन्न हुई. इस एक्रो फेस्टिवल में दुनियाभर के 135 पायलट प्रतिभाग कर रहे हैं. इसमें 35 अंतरराष्ट्रीय और 100 भारतीय पायलट भाग ले रहे हैं.
प्रातापनगर की पहाड़ी को देश व दुनिया की सबसे उपयुक्त जगह
इस मौके पर इवेंट डायरेक्टर ने बताया कि इन गतिविधियों में सम्मिलित सिंक्रो फ्लाइंग एवं विग शूट जंप के भारत में कुछ ही पायलट है उनका उद्देश्य इस गतिविधि में अधिक से अधिक भारतीय पायलटों को जोड़ना है। पैराग्लाइडिंग को देखने के लिए यहां पर आसपास क्षेत्र के लोग पहुंचे थे।इस अवसर पर पायलटों ने कहा कि प्रतापनगर की पहाड़ी से 1400 मीटर की उड़ान टिहरी झील में भरना काफी रोमांचित करने वाला है और उन्हें यहां पर पैराग्लाइडिंग करना काफी अच्छा लगा। उन्होंने इसके लिए प्रातापनगर की पहाड़ी को देश व दुनिया की सबसे उपयुक्त जगह बताई।
अलग-अलग एयर स्पोर्ट्स का आयोजन
आयोजित कार्यक्रम में एक्रो फ्लाइंग, सिकरो फ्लाइंग, विंग सूट फ्लाइंग, दी वेडिंग जैसे कई साहसिक इवेंट देखने को मिलेंगे. इसके अलावा एयर स्टंट समेत अन्य प्रतियोगिताएं यहां आयोजित होंगी. अतुल भंडारी ने बताया कि प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले पायलट से किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जा रहा है, जबकि जीतने वाले कंटेस्टेंट को दो लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा.
साहसिक खेलों के रूप में विकसित करना
उत्तराखंड के कई क्षेत्र पैराग्लाइडिंग के लिए विकसित हो रहे हैं, जिनमें अब टिहरी झील भी शामिल हो रहा है. अतुल भंडारी बताते हैं कि यहां फ्लाइंग डिस्टेंस 1400 मीटर का है, जिससे यह तुर्की के बाद दूसरा सबसे बड़ा पैराग्लाइडिंग डेस्टिनेशन बन सकता है. साथ ही यहां झील का पानी खारा नहीं है, जिससे झील में लैंड करते वक्त पैराग्लाइडर पानी में खराब नहीं होंगे.
युवाओं को दी जा रही ट्रेनिंग
पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी ने कहा कि विभाग स्थानीय युवाओं के लिए पैराग्लाइडिंग कोर्स निशुल्क आयोजित कर रहा है. 2023 के अंत तक 100 से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य उनके द्वारा रखा गया है, ताकि ये युवा प्रशिक्षित होकर रोजगार के रूप में पैराग्लाइडिंग कर सकें.
इस मौके पर रहे मौजूद
इस मौके पर जिला पर्यटन विकास अधिकारी अतुल भंडारी, विजेंद्र पांडेय, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के जन संपर्क अधिकारी कमल किशोर जोशी, साहसिक खेल अधिकारी खुशाल सिंह नेगी, सोबत सिंह राणा, सीमा नौटियाल, लता बिष्ट आदि मौजूद थे।
उत्तराखंड के युवाओं को निशुल्क ट्रेनिंग
विभाग स्थानीय युवाओं के लिए ये कोर्स निशुल्क आयोजित कर रहा है. 15 छात्रों का एक बैच पहले ही पी1, पी2 और पी3 प्रशिक्षण ले चुका है. 15 छात्रों के दूसरे बैच का प्रशिक्षण टिहरी में चल रहा है. विभाग का लक्ष्य 2023 के अंत तक 100 से अधिक ऐसे पायलटों को प्रशिक्षित कर का है. जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा. विभाग को उम्मीद है कि इस आयोजन से टिहरी दुनिया के पैराग्लाइडिंग मानचित्र पर अपनी पहचान बना लेगा. इससे आने वाले समय दुनिया भर से पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण और अभ्यास के लिए टिहरी आएंगे.