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PM मोदी : भारत ने 100 करोड़ कोरोना टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा किया, त्योहारों को सतर्कता से मनाने की अपील

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के नाम अपना संबोधन दिया। राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 21 अक्टूबर को भारत ने 100 करोड़ कोरोना टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा किया। यह उपलब्धि देश के प्रत्येक व्यक्ति की है। मैं इस उपलब्धि के लिए प्रत्येक नागरिक को बधाई देता हूं। पीएम मोदी ने ऐसे समय में देश को संबोधित किया जब एक दिन पहले ही देश ने कोरोना टीकाकरण की 100 करोड़ डोज का ऐतिहासिक आंकड़ा पार किया है। इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों से त्योहारों को सावधानी से मनाने की अपील भी की।

पीएम मोदी ने कहा कि आज कई लोग भारत के वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तुलना दुनिया के दूसरे देशों से कर रहे हैं। भारत ने जिस तेजी से 100 करोड़ का आंकड़ा पार किया, उसकी सराहना भी हो रही है। लेकिन, इस विश्लेषण में एक बात अक्सर छूट जाती है कि हमने ये शुरुआत कहां से की। उन्होंने कहा कि दुनिया के दूसरे बड़े देशों के लिए वैक्सीन पर रिसर्च करना, वैक्सीन खोजना, इसमें दशकों से उनकी expertise थी। भारत, अधिकतर इन देशों की बनाई वैक्सीन्स पर ही निर्भर रहता था।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 100 करोड़ वैक्सीन डोज केवल एक आंकड़ा ही नहीं, ये देश के सामर्थ्य का प्रतिबिंब भी है। इतिहास के नए अध्याय की रचना है। ये उस नए भारत की तस्वीर है, जो कठिन लक्ष्य निर्धारित कर, उन्हें हासिल करना जानता है।

जब 100 साल की सबसे बड़ी महामारी आई, तो भारत पर सवाल उठने लगे। क्या भारत इस वैश्विक महामारी से लड़ पाएगा? भारत दूसरे देशों से इतनी वैक्सीन खरीदने का पैसा कहां से लाएगा? भारत को वैक्सीन कब मिलेगी?

पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं? क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पाएगा कि महामारी को फैलने से रोक सके? भांति-भांति के सवाल थे, लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज, हर सवाल का जवाब दे रही है। उन्होंने कहा कि सबको साथ लेकर देश ने ‘सबको वैक्सीन-मुफ़्त वैक्सीन’ का अभियान शुरू किया। गरीब-अमीर, गांव-शहर, दूर-सुदूर, देश का एक ही मंत्र रहा कि अगर बीमारी भेदभाव नहीं करती, तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता! ये सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर VIP कल्चर हावी न हो।

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