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‘पूरे ताज होटल को बम से उड़ा दो,आतंकी हमले के बाद क्या बोले थे रतन टाटा

नई दिल्ली – देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी हाॅस्पिटल में निधन हो गया। रतन टाटा को सदियों तक भारत और दुनिया के लोग उनके सादगी भरे मिजाज और जिंदा दिली के लिए याद रखेंगे। वे बहुत ही बेहतरीन इंसान और मजबूत व्यक्तित्व वाले थे। मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने मशहूर ताज होटल को भी निशाना बनाया था।उस दिन वाक्ये का जिक्र रतन टाटा ने एक इंटरव्यू में किया था। उन्होंने बताया कि उन्हें किसी का काॅल आया था कि होटल में गोलीबारी हो रही है। इसके बाद मैंने जानकारी के लिए ताज के स्टाफ को काॅल किया, लेकिन उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया। मैंने अपनी कार निकाली और मैं ताज पहुंचा, लेकिन वाॅचमैन से मुझे रोक दिया, क्योंकि वहां गोलीबारी हो रही थी।

गोलीबारी के समय होटल पहुंच गए थे रतन टाटा

साल 2008 में 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने समुद्र के रास्ते दक्षिण मुंबई में घुसकर ताज होटल और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस सहित शहर के कई प्रमुख स्थानों पर हमला किए, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया था।उस समय रतन टाटा 70 साल के थे और गोलीबारी के समय उन्हें ताज होटल के कोलाबा छोर पर खड़ा देखा गया था। एक इंटरव्यू में रतन टाटा ने कहा कि उन्हें किसी ने फोन कर बताया कि होटल के भीतर गोलीबारी हो रही है, जिसके बाद उन्होंने ताज होटक के स्टाफ को कॉल किया, लेकिन किसी ने उनका कॉल रिसीव नहीं किया।

एक भी आतंकी जिंदा नहीं बचे

इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों से कहा कि अगर जरूरत पड़े तो मेरी पूरी प्राॅपर्टी को ही बम से उड़ा दो, मुझे उसकी कोई चिंता नहीं है, लेकिन एक भी आतंकी जिंदा नहीं बचना चाहिए। रतन टाटा ने आगे बताया कि उस वक्त ताज होटल में 300 गेस्ट मौजूद थे। रेस्टाॅरेंट भरे हुए थे। वहां मौजूद स्टाफ ने सभी को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने की पूरी कोशिश की। उस दौरान कई लोग मारे भी गए। इंटरव्यू में बताया कि उन तीन दिनों और तीन रातों के लिए रतन टाटा ताज होटल प्रबंधन के साथ खड़े रहे।

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