Stock Market close : ईरान-इजरायल की वजह से भारतीय शेयर बाजार में गिरावट,लगा 11 लाख करोड़ रुपये का चूना
नई दिल्ली – शेयर बाजार के निवेशकों के लिए गुरुवार 3 अक्टूबर, 2024 का कारोबारी सत्र बेहद निराशाजनक रहा है. बाजार में चौतरफा बिकवाली के चलते आज के कारोबारी सत्र में निवेशकों को 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. बैंकिंग, आईटी और ऑटो स्टॉक्स में भारी बिकवाली रही है. बाजार में गिरावट की सुनामी का सामना मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स का भी करना पड़ा है. बाजार में कारोबार के खत्म होने पर बीएसई सेंसेक्स 1769 अंकों की गिरावट के साथ 82,497 अंकों पर बंद हुआ है तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 546 अंकों की गिरावट के साथ 25,250 अंकों पर क्लोज हुआ है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक जैसे बड़े शेयरों में गिरावट और पश्चिम एशिया में इस्राइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष के कारण गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में 2 प्रतिशत से ज्यादा गिर गए। लगातार चौथे दिन गिरावट के साथ बीएसई सेंसेक्स 1,769.19 अंक या 2.10 प्रतिशत गिरकर 82,497.10 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 1,832.27 अंक या 2.17 प्रतिशत गिरकर 82,434.02 अंक पर आ गया। एनएसई निफ्टी 546.80 अंक या 2.12 प्रतिशत गिरकर 25,250.10 पर आ गया।
आज के कारोबार में सभी सेक्टर के स्टॉक्स में गिरावट रही. बैंकिंग स्टॉक्स में बड़ी बिकवाली देखी गई. निफ्टी बैंक इंडेक्स में शामिल 12 शेयरों में से 11 गिरावट के साथ बंद हुए जबकि केवल एक शेयर में तेजी देखने को मिली है. निफ्टी बैंक 1077 अंक गिकर क्लोज हुआ है. इसके अलावा ऑटो, आईटी, फार्मा, एनर्जी, एफएमसीजी, रियल एस्टेट, मीडिया, मेटल्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, हेल्थकेयर और ऑयल एंड गैस सेक्टर के शेयरों में बिकवाली देखी गई. मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी जोरदार बिकवाली देखने को मिली है. निफ्टी का मिडकैप इंडेक्स 1333 अंक गिरकर तो स्मॉसकैप इंडेक्स 378 अंकों गिरकर बंद हुआ है. इंडिया VIX 9.84 फीसदी के उछाल के साथ 13.17 अंकों पर क्लोज हुआ है.
पश्चिम एशिया में इरान और इस्राइल के बीच बढ़ रहा तनाव दुनियाभर के बाजार के लिए चिंता का कारण है। खबरों के अनुसार ईरान की ओर से हमले के बाद इस्राइली सेना ने दक्षिण लेबनान में अपने आठ सैनिकों के मौत की पुष्टि की है। इनमें एक टीम कमांडर भी शामिल है। ऐसे में आने वाले समय में इस्राइल ईरान, हिजबुल्ला और हमास को घेरने के लिए जवाबी हमले तेज कर सकते हैं। अगर यह स्थिति बनती है तो इसका असर कच्चे के उत्पादन पर पड़ेगा। जिसका असर पूरी दुनिया के बाजार पर पड़ेगा। इन्ही चिंताओं को देखते हुए निवेशक बाजार में नई खरीदारी से बच रहे हैं।