शेयर बाजार में मचा हाहाकार, लाल निशान में बंद हुए शेयर बाजार
नई दिल्ली – भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट दर्ज की गई। आज बीएसई सेंसेक्स 1,272.07 अंक (1.49 प्रतिशत) गिरकर 84,299.78 अंकों पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय बीएसई सेंसेक्स 1,314.71 अंकों की गिरावट के साथ 84,257.14 अंकों पर पहुंच गया था। इसी तरह, निफ्टी 50 भी आज 368.10 अंकों (1.41 प्रतिशत) की बड़ी गिरावट के साथ 25,810.85 पर बंद हुआ। हफ्ते के पहले दिन ऑटो और बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
NSE के डेटा को देखा जाए तो Nifty50 पर आज सिर्फ दो ऐसे स्टॉक्स रहे, जो 1% से ज्यादा की बढ़त बना सके। ये निफ्टी IT और मीडिया स्टॉक्स हैं। निफ्टी IT के शेयरों ने आज ओवरआल 1.17% और निफ्टी मीडिया के शेयरों ने 1.60% की बढ़त बनाई। इसके अलावा, आज हरे निशान में बंद होने वाले सेक्टोरल इंडेक्सों में निफ्टी मेटल, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, PSU बैंक, फार्मा और ऑटो स्टॉक्स रहे।सबसे ज्यादा गिरावट की बात की जाए तो निफ्टी ऑयल एंड गैस के शेयर 0.67% गिर गए। इसके अलावा, रियल्टी, प्राइवेट बैंक, FMCG, फाइनेंशियल सर्विसेज और बैंक के शेयर भी निगेटिव ही रहे।सेंसेक्स के टोटल 30 शेयरों में से 14 शेयर आज हरे निशान में बंद हुए। इनमें सबसे ज्यादा उछाल दर्ज करने वाला शेयर टेक महिंद्रा का रहा। टेक महिंद्रा के शेयर आज 2.93 % की बढ़त बनाकर बंद हुआ। इसके अलावा, महिंद्रा एंड महिंद्रा का शेयरों ने भी 2.22% की बढ़त बनाई। टॉप गेनर्स की लिस्ट में इंफोसिस, कोटक महिंद्रा, SBI, HCL Tech, अदाणी पोर्ट्स, नेस्ले इंडिया, ICICI Bank, TCS, अल्ट्राटेक सीमेंट्स, बजाज फिनसर्व, सनफार्मा और बजाज फाइनेंस के शेयर रहे।
ग्लोबल मार्केट में नरम रुझान और FPI की तरफ से जमकर शेयरों की बिकवाली के चलते मार्केट सेंटिमेंट में गिरावट आई और उसका असर शेयर बाजार में देखने को मिला।इसके अलावा, आर्थिक मोर्चे पर भी भारतीय बाजार के लिए अच्छी खबर नहीं आई। HSBC India की तरफ से आज जारी मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (Manufacturing PMI) अगस्त में 57.5 से गिरकर सितंबर में 56.5 हो गया, जो जनवरी के बाद से ग्रोथ के मामले में सबसे कमजोर आंकड़ा है। मासिक सर्वे में कहा गया कि फैक्टरी प्रोडक्शन, बिक्री और नए निर्यात ऑर्डर में नरम वृद्धि के बीच सितंबर में भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि आठ महीने के निचले स्तर पर आ गई।इसके अलावा, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत का चालू खाते का घाटा (CAD) भी बढ़कर 9.8 अरब डॉलर हो गया है, जो सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 1.1 प्रतिशत है। वहीं, भारत के आठ प्रमुख आधारभूत क्षेत्रों (Core sector growth) का उत्पादन बीते 42 महीनों के दौरान अगस्त में पहली बार सालाना आधार पर 1.8 फीसदी घटा।