क्या है पीएम आशा स्कीम,केंद्र सरकार ने दी 35,000 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी
नई दिल्ली – सरकार ने बुधवार को 35,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘पीएम-आशा’ योजना को आगे जारी रखने की मंजूरी दे दी। सरकार ने यह मंजूरी किसानों को बेहतर मूल्य उपलब्ध कराने तथा उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अस्थिरता पर काबू पाने के उद्देश्य से दी है।एक आधिकारिक बयान के अनुसार, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों को लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना को जारी रखने की मंजूरी दी गई.
सरकार ने पीएम आशा स्कीम को जारी रखने का फैसला किया है. सरकार ने यह मंजूरी किसानों को बेहतर मूल्य उपलब्ध कराने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अस्थिरता पर काबू पाने के उद्देश्य से दी है. बता दें कि इस स्कीम के तहत फसलों के भाव एमएसपी के नीचे जाने पर सरकार खरीदारी करती है. इस स्कीम के तहत दालों, तिलहन के फसलों की कीमत एमएसपी के नीचे जाने पर सरकार उसकी खरीदारी करती है.
15वें वित्त आयोग के दौरान 2025-26 तक कुल वित्तीय व्यय 35,000 करोड़ रुपये होगा. सरकार ने किसानों और उपभोक्ताओं को अधिक कुशलता से सेवा प्रदान करने के लिए मूल्य समर्थन योजना (PSS) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) योजनाओं को पीएम-आशा में एकीकृत किया है.सरकार ने कहा, ‘पीएम-आशा की एकीकृत योजना कार्यान्वयन में और अधिक प्रभावशीलता लाएगी। इससे न सिर्फ किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य प्रदान करने में मदद मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करके कीमतों में उतार-चढ़ाव पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा.’पीएम-आशा में अब PSS, PSF, मूल्य नुकसान भुगतान योजना (POPS) और बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) के घटक शामिल होंगे.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों को लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना को जारी रखने की मंजूरी दी गई. बयान के अनुसार, 15वें वित्त आयोग के दौरान 2025-26 तक कुल वित्तीय व्यय 35,000 करोड़ रुपये होगा. सरकार ने किसानों और उपभोक्ताओं को अधिक कुशलता से सेवा प्रदान करने के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) योजनाओं को पीएम-आशा में एकीकृत किया है.पीएम-आशा की एकीकृत योजना कार्यान्वयन में और अधिक प्रभावशीलता लाएगी. इससे न सिर्फ किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य प्रदान करने में मदद मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करके कीमतों में उतार-चढ़ाव पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा.