नई दिल्ली – दोपहर 12 बजे दिल्ली के नए सीएम का ऐलान होने वाला था लेकिन आधे घंटे पहले ही एक मुस्कुराता चेहरा अचानक टीवी चैनलों पर फ्लैश होने लगा. जी हां, शिक्षा मंत्री आतिशी दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री होंगी. मौजूदा सीएम अरविंद केजरीवाल ने शाम को इस्तीफा देने से पहले उन्हें अपना उत्तराधिकारी चुना. इसके लिए बाकायदे विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी और केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा. इसका सभी ने समर्थन किया.
आतिशी को अरविंद केजरीवाल की भरोसेमंद
आतिशी अब सीएम की रेस जीत चुकी हैं. सीएम पद की रेस में सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत और राखी बिड़ला समेत कई नाम थे, जो अब पिछड़ गए. अब सवाल उठता है कि आखिर अरविंद केजरीवाल ने आतिशी को ही दिल्ली का नया सीएम क्यों बनाया है? तो इसके कई कारण हैं.आतिशी को अरविंद केजरीवाल का भरोसेमंद और काफी करीबी माना जाता है. आतिशी आम आदमी पार्टी की कोई नई नेता नहीं हैं, बल्कि वह अन्ना आंदोलन के समय से ही अरविंद केजरीवाल और संगठन के साथ जुड़ी हैं. महज पांच साल के भीतर उन्होंने अपनी काबलियत से विधायक से मंत्री तक का सफर तय किया है. आतिशी 2020 में पहली बार कालकाजी से विधायक बनी थीं. उन्हें साल 2023 में अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री बद मिला और अब साल 2024 में वह दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गई हैं. इस तरह से देखा जाए तो उनका सियासी सफर काफी चमत्कारी रहा है.
सरकार में मजबूत चेहरा
आतिशी दिल्ली सरकार की सबसे ताकतवर मंत्री हैं. केजरीवाल और उनके डिप्टी सिसोदिया के जेल जाने के बाद उन्होंने ही पार्टी को पूरी ताकत से संभाला. 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर जब तिरंगा फहराना था तो सीएम केजरीवाल ने आतिशी के ही नाम की सिफारिश की थी. केजरीवाल को यह भी पता है कि सीएम फेस ऐसा होना चाहिए जो दिल्ली एलजी से अक्सर चलने वाली तकरार का सामना कर सके. 43 साल की आतिशी ऐसे तमाम पैरामीटर पर फिट बैठती हैं.
महिला चेहरा
कालका जी से विधायक हैं आतिशी. महिला चेहरा होने के साथ ही उनकी साफ-सुथरी छवि है. सफल मंत्री के रूप में दिल्ली में पहचान बनी है. आतिशी फिलहाल 10 से ज्यादा मंत्रालयों की जिम्मेदारी देख रही हैं. अब साफ हो गया है कि अगले चुनाव तक दिल्ली के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी वही संभालेंगी. इससे केजरीवाल पार्टी के विस्तार खासतौर से हरियाणा विधानसभा चुनाव पर फोकस कर सकेंगे.
आतिशी का सियासी सफर
आतिशी लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमा चुकी हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में आतिशी को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर पूर्वी दिल्ली का प्रभारी नियुक्त किया गया था. वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गौतम गंभीर से 4.77 लाख वोटों के अंतर से हार गई थीं. 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान आतिशी ने दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी विधानसभङा क्षेत्र से चुनाव लड़ा. उन्होंने भाजपा उम्मीदवार धर्मवीर सिंह को 11,422 वोटों से हराया. बाद में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद उन्हें सौरभ भारद्वाज के साथ कैबिनेट मंत्री के रूप में दिल्ली सरकार में शामिल किया गया.