स्विगी का आईपीओ 5000 करोड़ रुपये का, जोमाटो को देगी टक्कर
नई दिल्ली – स्विगी अपने आगामी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से 5,000 करोड़ रुपये जुटा सकती है, जो पहले 3750 करोड़ रुपये था, क्योंकि खाद्य और किराना वितरण फर्म अत्यधिक प्रतिस्पर्धी क्षेत्र में बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के प्रयासों को तेज कर रही है.एनट्रैकर द्वारा प्राप्त एक आंतरिक दस्तावेज के अनुसार, स्विगी के बोर्ड ने 5,000 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयर जारी करने के लिए एक विशेष प्रस्ताव पारित किया है, जो 3 अक्टूबर को असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन है.
कंपनी अगले हफ्ते किसी भी दिन आईपीओ से जुड़े ऐलान कर सकती है. उसे उम्मीद है कि सेबी (SEBI) से मंजूरी जल्द मिल जाएगी. मंजूरी मिलते ही कंपनी आईपीओ की लॉन्चिंग डेट का खुलासा कर देगी. इस बारे में कंपनी लगभग पूरी तैयारी कर चुकी है. यह इस साल के सबसे बड़े आईपीओ में गिना जाएगा. अभी तक ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) का आईपीओ सबसे बड़ा माना जा रहा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस आईपीओ का साइज लगभग 1 अरब डॉलर होगा. हालांकि, इसमें बदलाव हो सकता है. कंपनी को स्टॉक मार्केट का रुख पॉजिटिव लग रहा है. हाल ही में बजाज हाउसिंग फाइनेंस के आईपीओ को मिले समर्थन से भी स्विगी उत्साहित है.
कंपनी ने हाल ही में अपने शीर्ष पदों पर बड़ा फेरबदल किया है. कंपनी ने स्विगी डाइनआउट में राजस्व और वृद्धि के लिए सहायक उपाध्यक्ष के पद पर ध्रुवीश ठक्कर को नियुक्त किया है.ठक्कर फ्लिपकार्ट में राजस्व और विपणन प्रमुख के रूप में वरिष्ठ निदेशक थे.उनसे पहले, फ्लिपकार्ट के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष और किराना प्रमुख अमितेश झा को स्विगी ने अपने साथ जोड़ा था। झा को स्विगी इंस्टामार्ट का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया है.स्विगी के लिए तेज़ी से बढ़ते क्विक कॉमर्स स्पेस में प्रतिस्पर्धा तेज़ होती जा रही है.ज़ेप्टो, ब्लिंकिट और बीबी नाउ जैसे खिलाड़ी तेज़ी से अपने परिचालन का विस्तार कर रहे हैं, चाहे वह कैटेगरी विस्तार के मामले में हो, अपने डार्क स्टोर नेटवर्क को बढ़ाने के मामले में हो या नए शहरों में प्रवेश करने के मामले में हो.इसके अलावा, फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसी ई-कॉमर्स कंपनियाँ भी इस दौड़ में शामिल हो गई हैं.
सॉफ्टबैंक ग्रुप (SoftBank Group) द्वारा समर्थित कंपनी स्विगी को आईपीओ लाने के लिए यह सबसे उचित समय लग रहा है. ब्लूमबर्ग के डेटा के अनुसार, देश की आर्थिक तरक्की और ग्लोबल इनवेस्टर्स के सपोर्ट के चलते इस साल अब तक आईपीओ लिस्टिंग से कंपनियों ने करीब 7.8 अरब डॉलर जुटाए हैं. आने वाले महीनों में हुंडई मोटर कंपनी (Hyundai Motor IPO) भारत का सबसे बड़ा आईपीओ ला सकती है. इसके अलावा एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स (LG Electronics IPO) ने अपने भारतीय कारोबार की संभावित लिस्टिंग के लिए बैंकों को चुन लिया है. कंपनी का आईपीओ 1.5 अरब डॉलर का हो सकता है.