नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गुजरात के गांधीनगर जिले में चौथे वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन (री-इन्वेस्ट) 2024 का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत की विविधता, पैमाने, क्षमता, संभावना और प्रदर्शन, सभी अद्वितीय हैं। इसीलिए मैं कहता हूं, ‘वैश्विक अनुप्रयोगों के लिए भारतीय समाधान’, दुनिया भी इसे समझ रही है। सिर्फ भारतीय ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया सोचती है कि भारत 21वीं सदी का सबसे अच्छा दांव है। जर्मनी की आर्थिक विकास मंत्री स्वेनजा शुल्ज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया।
भारत 31 हजार मेगावाट हाइड्रोपावर जनरेट करेंगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने हर उस सेक्टर और फैक्टर को एड्रेस किया है जो भारत के तेज विकास के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने शुरुआती 100 दिनों में ग्रीन एनर्जी से जुड़े भी कई फैसले लिए। पीएम मोदी ने कहा कि भारत 31 हजार मेगावाट हाइड्रोपावर जनरेट करने के लिए भी काम कर रहा है। इसके लिए 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा अप्रूव किए जा चुके हैं। उन्होंन कहा कि भारत आने वाले एक हजार साल का बेस तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश में रिन्यूएबल एनर्जी की मांग बढ़ रही है। सरकार इसके लिए पॉलिसी बना रही है और पूरी तरह सहयोग कर रही है।
पीएम मोदी ने एक वैश्विक मिशन बना दिया
मंत्री जोशी ने कहा कि भारत के प्रधान मंत्री बनने पर, उन्होंने एक स्वच्छ और अधिक टिकाऊ दुनिया बनाने के लिए इसे एक वैश्विक मिशन बना दिया। गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में, गुजरात अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में उभरा और कहा कि राज्य की अक्षय ऊर्जा नीति और हरित हाइड्रोजन नीति राज्य सरकार की हरित भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। गुजरात में अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 50,000 मेगावाट से अधिक है, जिसमें अक्षय ऊर्जा राज्य की ऊर्जा क्षमता में 54 प्रतिशत का योगदान देती है। गुजरात सौर ऊर्जा स्थापना में देश में सबसे आगे है।
तीन दिन तक चलेगा सम्मेलन
बता दें कि आज यानी सोमवार से गुजरात के गांधीनगर में चौथा ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर मीट एंड एक्सपो शुरू हो गया। इसका आयोजन 18 सितंबर तक होगा। इससे पहले यह आयोजन 2015, 2018 और 2020 में हुआ था। इस बार यह पहली बार है जब कोई हाई प्रोफाइल इवेंट राजधानी दिल्ली से बाहर हो रही है। यह कार्यक्रम का आयोजन नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से हो रहा है। अंतिम दिन समापन सत्र की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे। तीन दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में सरकार, उद्योग और वित्तीय क्षेत्रों की 10 हजार से ज्यादा हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है।