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लाइफ-हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स की दर में बदलाव के लिए बनाया मंत्री समूह,इस तारीख तक देगा रिपोर्ट

नई दिल्ली – जीएसटी काउंसिल ने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रोड्क्टस के प्रीमियम पर जीएसटी रेट का सुझाव देने और 30 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट देने के लिए 13 सदस्यीय मंत्री समूह (GoM) का गठन किया गया है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मंत्री समूह के संयोजक हैं. इस ग्रुप के सदस्यों में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना के सदस्य शामिल हैं. 9 सितंबर को हुई जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी के मौजूदा कर ढांचे की जांच और समीक्षा के लिए एक मंत्री समूह गठित करने का फैसला किया गया.

वर्तमान में बीमा प्रीमियम पर 18 फीसदी माल औरं सेवा कर (जीएसटी) लगाया जाता है. पैनल के संदर्भ की शर्तों (टीओआर) में वरिष्ठ नागरिकों, मध्यम वर्ग, मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों जैसी विभिन्न श्रेणियों के लिए व्यक्तिगत, समूह, पारिवारिक फ्लोटर और अन्य चिकित्सा बीमा सहित हेल्थ/चिकित्सा बीमा की कर दर का सुझाव देना भी शामिल है. साथ ही, टर्म इंश्योरेंस, निवेश योजनाओं के साथ लाइफ इंश्योरेंस (चाहे व्यक्तिगत हो या समूह) और पुनर्बीमा सहित लाइफ इंश्योरेंस पर कर दरों का सुझाव देना भी शामिल है.

समूह को वरिष्ठ नागरिकों, मध्यम वर्ग, और मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों के लिए विभिन्न चिकित्सा बीमा उत्पादों पर कर दरों का सुझाव देने के साथ-साथ जीवन बीमा पर भी सिफारिशें देने की जिम्मेदारी दी गई है.कुछ विपक्षी शासित राज्यों ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से पूरी तरह छूट की मांग की है, जबकि अन्य ने इसे घटाकर पांच प्रतिशत करने का सुझाव दिया है. परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस मुद्दे पर आपत्ति जताई है, इसे जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने जैसा बताया है.

जीएसटी काउंसिल सचिवालय द्वारा जीवन औरं हेल्थ बीमा पर जीओएम के गठन पर जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, “जीओएम को 30 अक्टूबर, 2024 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है.”पश्चिम बंगाल सहित कुछ विपक्षी शासित राज्यों ने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी से पूरी तरह छूट की मांग की थी, जबकि कुछ अन्य राज्य इस पर टैक्स को घटाकर पांच फीसदी करने के पक्ष में थे. यहां तक ​​कि परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी जुलाई में इस मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा था कि ‘लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने के समान है’.

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