SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच का आया ताजा बयान,लीगल एक्शन की कर रहीं तैयारी
नई दिल्ली – कांग्रेस के आरोपों के बीच आज यानी 13 सितंबर को सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने ताजा बयान (Madhabi Puri Buch fresh statement) जारी किया है। अपने निजी बयान में सेबी हेड ने कहा कि उन्होंने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की तरफ से जारी सभी प्रकटीकरण दिशानिर्देशों (disclosure guidelines) का अनुपालन किया है।माधबी पुरी बुच का यह बयान उस समय आया है जब भारत का मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस माधबी पुरी बुच पर कई सवाल उठा रहा है। 11 सितंबर को ही अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने भी एक बयान जारी करते हुए बुच की ‘अनुचित व्यवहार, हितों के टकराव और सेबी के सदस्य के रूप में काम करते हुए कंपनियों से भुगतान स्वीकार करने’ के नए आरोपों को लेकर ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया था।
कांग्रेस ने माधबी पुरी बुच और धवल बुच पर हितों के टकराव और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। विपक्षी पार्टी का कहना है कि उन्होंने अपनी कंसल्टेंसी फर्म अगोरा एडवाइजरी (Agora Advisory) के जरिए आईसीआईसीआई ग्रुप (ICICI Group) समेत अन्य कंपनियों से इनकम प्राप्त की है।माधबी पुरी बुच ने कहा कि हमने सभी निवेश, प्रॉपर्टी और कंपनियों के बारे में सेबी को साल 2017 में ही जानकारी दी थी।ऐसे आरोप हमारी साख गिराने वाले और झूठे हैं. इनका उद्देश्य कुछ और है।सेबी चीफ ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने आईसीआईसीआई ग्रुप से जुड़ी किसी भी फाइल को डील नहीं किया।उन्होंने कहा कि साल 2011 में वह आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) से अनपेड लीव पर चली गई थीं।ऐसे में एक साथ दो जगहों पर काम करने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।
माधबी पुरी बुच ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने पूर्व नियोक्ता (employer) ICICI Bank से जुड़े किसी भी रेगुलेटरी मामले को नहीं निपटाया है। कई लिस्टेड कंपनियों के साथ हितों के टकराव के मुद्दे के बारे में, माधबी पुरी ने कहा कि सेबी में शामिल होने के बाद किसी भी स्तर पर उन्होंने कभी भी एगोरा एडवाइजरी, एगोरा पार्टनर्स, महिंद्रा ग्रुप, पिडिलाइट, डॉ. रेड्डीज, अल्वारेज एंड मार्सल, सेम्बकॉर्प, विसु लीजिंग या आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) से जुड़ी किसी भी फाइल को नहीं निपटाया है। बता दें कि कांग्रेस ने अपनी प्रेस क्रांफ्रेस में आरोप लगाया था कि धवल बुच ने महिंद्रा समूह से 4.78 करोड़ रुपये उस समय कमाए जब रेगुलेटर बाजार में गड़बड़ी की जांच कर रहा था।हिंडनबर्ग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर 11 सितंबर को पोस्ट करते हुए लिखा था, ‘नए आरोप सामने आए हैं कि निजी परामर्श कंपनी (private consulting entity), जिसका 99 प्रतिशत स्वामित्व सेबी प्रमुख माधबी बुच के पास है, ने सेबी द्वारा रेगुलेटेड कई लिस्टेड कंपनियों से सेबी पूर्णकालिक सदस्य के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान भुगतान स्वीकार किया। इन कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, डॉ. रेड्डीज और पिडिलाइट शामिल हैं।’