PwC ने किया छंटनी का फैसला,इतने लोगों की जाएगी नौकरी
नई दिल्ली – टॉप वैश्विक प्रोफेशनल सर्विस कंपनी PwC (pricewaterhousecoopers) ने बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी करने का बड़ा निर्णय लिया है। दरअसल कंपनी ने जानकारी दी है, कि वह जल्द ही 1,800 कर्मचारियों को नौकरी से हटाने की योजना बना रही है। जानकारी के अनुसार यह छंटनी मुख्य रूप से अमेरिका में की जाएगी।दरअसल अमेरिका में इस कंपनी के कर्मचारियों पर इस छटनी का बड़ा असर दिखाई देगा। वहीं यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले 15 वर्षों में यह पहली बार है जब PwC इतने बड़े स्तर पर छंटनी कर रही है। बता दें कि कई बड़ी कंपनियों के द्वारा छटनी करने के बाद भी PwC ने छटनी का मन नहीं दिखाया था। मगर अब PwC ने छटनी का एलान किया है।
पीडब्ल्यूसी के इस ऐलान का असर कई अलग-अलग डिपार्टमेंट पर पड़ेगा।मैनेजिंग डायरेक्टर, बिजनेस सर्विस ऑडिट, असोसिएट्स और टैक्स डिपार्टमेंट के कर्मचारियों पर इस छंटनी का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ने वाला है। इस छंटनी के जरिए कंपनी अमेरिका में काम करने वाले 2.5 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने वाली है।कंपनी वर्कफोर्स को कम करने का काम अक्टूबर 2024 तक पूरा कर सकती है।PwC अमेरिका के अध्यक्ष पॉल ग्रिग्स ने मामले पर एक मेमो जारी करते हुए कहा है कि इस फैसले का असर कंपनी के बहुत छोटे वर्ग के कर्मचारियों पर पड़ेगा।यह फैसला हमेशा मुश्किल होता है, लेकिन कंपनी के हित में जरूरी है।उन्होंने यह भी कहा कि साल 2009 के बाद से ऐसा पहली बार है जब कंपनी ने छंटनी का फैसला किया है।
PwC अमेरिका के अध्यक्ष पॉल ग्रिग्स ने छंटनी के फैसले पर अपने कर्मचारियों को एक मेमो जारी किया है, जिसमें उन्होंने इसे एक बेहद कठिन निर्णय बताया। दरअसल उन्होंने कहा कि यह कदम कंपनी के भविष्य और उसकी आर्थिक मजबूती को सुनिश्चित करने के लिए उठाना जरूरी था। वहीं पॉल ग्रिग्स ने यह भी स्पष्ट किया कि 2009 के बाद यह पहला मौका है जब PwC को इतने बड़े पैमाने पर छंटनी करनी पड़ रही है।PwC की इस छंटनी का प्रभाव अमेरिका में कार्यरत उसके लगभग 2.5% कर्मचारियों पर पड़ेगा। दरअसल कंपनी ने यह फैसला तब लिया है जब उसकी सर्विस की मांग में कमी आई है, और यह छंटनी अक्टूबर 2024 तक लागू की जा सकती है। वहीं व्यापारिक दृष्टिकोण से यह कदम PwC के लिए जरूरी माना जा रहा है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप कई कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।