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भारत

अजमेर शरीफ दरगाह का बड़ा ऐलान, PM मोदी के जन्मदिन पर 4000 किलो शाकाहारी लंगर लगाएंगे

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन 17 सितंबर को है. इसके लिए देशभर में कई जगहों पर तैयारियां चल रही हैं।इसी कड़ी में अजमेर शरीफ दरगाह में एक विशाल शाकाहारी भोजन का आयोजन किया जाएगा।दरगाह की इस ऐतिहासिक और विश्व प्रसिद्ध बड़ी शाही देग में 4000 किलोग्राम भोजन तैयार किया जाएगा।यह सेवा पखवाड़े के दौरान आयोजित की जा रही है. दरगाह के अधिकारियों के अनुसार, यह परंपरा कई वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है।

शुद्ध चावल और घी, मेवे आदि का प्रयोग होगा

अजमेर शरीफ के सैयद अफशां चिश्ती ने बुधवार को कहा कि इस दिन लोगों को शाकाहारी भोजन वितरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के जन्मदिन पर देश के धार्मिक स्थलों पर सेवा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। हम 4,000 किलो शाकाहारी भोजन तैयार करेंगे, जिसमें शुद्ध चावल और इसके साथ ही घी, मेवे आदि का प्रयोग होगा। इसे गुरुजनों और गरीबों को बांटा जाएगा। सैयद अफशां चिश्ती ने कह कि हम पीएम मोदी के जन्मदिन पर उनकी लंबी उम्र के लिए भी प्रार्थना करेंगे। पूरे लंगर का आयोजन इंडियन माइनॉरिटी फाउंडेशन और अजमेर शरीफ के चिश्ती फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है।

PM मोदी के दीर्घायु की विशेष प्रार्थना

दरगाह के अधिकारियों ने बताया कि देग जलाने की प्राचीन परंपरा को अत्यंत श्रद्धा के साथ निभाया जाता है।देग जलाने से लेकर भोजन वितरण तक की प्रत्येक प्रक्रिया को विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि हजारों भक्तों और साधकों को स्वच्छ और पौष्टिक भोजन प्रदान किया जा सके।यह समारोह रात 10:30 बजे हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में बड़ी शाही देग को प्रज्वलित करके आरंभ होगा।इस पावन अवसर पर देश की शांति, एकता और समृद्धि के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दीर्घायु की विशेष प्रार्थना की जाएगी।

किस तरह होगा कार्यक्रम?

दरगाह के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि भोजन का वितरण सुबह भर जारी रहेगा। ताकि सभी उपस्थित लोग और आस-पास के समुदाय भोजन में भाग ले सकें। स्वयंसेवक व्यवस्थित तरीके से भोजन वितरित करने में मदद करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि ये कार्यक्रम राष्ट्र और संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए कृतज्ञता और एकता की प्रार्थना के साथ समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के जश्न का प्रतीक है, बल्कि सेवा और सामुदायिक कल्याण की भावना को भी दर्शाता है।

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