Adani Group ने बांग्लादेश को दी चेतावनी,अंधेरे में डूब सकता है बांग्लादेश
नई दिल्ली – भारत के सबसे अमीर उद्योगपति गौतम अदाणी के समूह अदाणी ग्रुप (Adani Group) ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को बिजली परियोजना को लेकर चेतावनी दी है। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली सरकार को चेतावनी देते हुए अदाणी ग्रुप ने कहा कि विवादास्पद बिजली परियोजना पर बकाया भुगतान के चलते गंभीर वित्तीय संकट पैदा हो सकता है।दरसअल, बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को छात्र विरोध के बाद सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। जिसके बाद से मुहम्मद यूनुस की सरकार है। द फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश पर 50 करोड़ डॉलर का कर्ज (unpaid dues) हो गया है, जिससे यूनुस सरकार के लिए शुरुआती दिनों में कठिनाइयां पैदा हो रही हैं।
अडानी ग्रुप बांग्लादेश को अपने 1600 मेगावाट के गोड्डा प्लांट से बिजली सप्लाई करता है।यह समझौता शेख हसीना सरकार के दौरान किया गया है।अब मोहम्मद यूनुस इसे बहुत महंगी डील बताने लगे हैं. साथ ही उन्होंने कहा है कि इस डील में पारदर्शिता नहीं बरती गई।उन्होंने शेख हसीना सरकार के दौरान हुई कई इंफ्रास्ट्रक्चर डील पर उंगली उठाई है।फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद यूनुस सरकार लगभग 50 करोड़ डॉलर के इस पेमेंट को करने में आनाकानी कर रही है।इससे खफा होकर अडानी ग्रुप ने अंतरिम सरकार को चेतावनी जारी कर दी है।
अदाणी ग्रुप के पास बांग्लादेश में बंदरगाहों (पोर्ट्स), डेटा सेंटर और एनर्जी जैसे सेक्टर्स में बड़े निवेश हैं। गोड्डा पावर प्लांट के लिए बांग्लादेश और अदाणी के बीच समझौता 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ढाका यात्रा के दौरान हुआ था। यह परियोजना पिछले साल पूरी तरह से चालू हो गई थी, लेकिन इसे अपनी ऊंची लागत के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है।पर्यावरणविदों का तर्क है कि इस प्लांट से बिजली आयात करना बांग्लादेश के लिए आर्थिक दृष्टि से सही नहीं है। हालांकि, अदाणी का कहना है कि उसके द्वारा दी जाने वाली बिजली की कीमत अन्य कोयला-आधारित बिजली प्लांट्स के मुकाबले ‘बहुत प्रतिस्पर्धी’ है।बकाया कर्ज के बढ़ते संकट के मद्देनज़र, यूनुस की सरकार भविष्य के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए प्रतिस्पर्धी बोलियों की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की योजना बना रही है और पूर्व सरकार के अधीन किए गए सौदों की समीक्षा करने पर विचार कर रही है।यह समीक्षा केवल भारतीय सौदों पर ही नहीं, बल्कि चीन के साथ किए गए सौदों पर भी केंद्रित होगी। बांग्लादेश सरकार भविष्य की परियोजनाओं के लिए अधिक किफायती शर्तों पर सौदे करने के उद्देश्य से किसी भी देश के साथ साझेदारी करने के लिए खुली है।
अडानी ग्रुप के अनुसार, वह लगातार अंतरिम सरकार से वार्ता कर रहे हैं. हमने उन्हें हर स्थिति के बारे में अवगत करा दिया है. हम बांग्लादेश को बिजली सप्लाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।मगर, अटके हुए पेमेंट से चिंताएं पैदा हो रही हैं।दोनों पक्षों की अपनी जिम्मेदारियां हैं।अगर उन्हें पूरा नहीं किया जाएगा तो समस्याएं पैदा होंगी।रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बांग्लादेश पर सिर्फ बिजली बिल का बकाया ही 3.7 अरब डॉलर हो चुका है।इसमें से लगभग 49.2 करोड़ डॉलर सिर्फ अडानी ग्रुप के हैं।पड़ोसी देश को अडानी ग्रुप को अन्य चीजों को मिलाकर करीब 80 करोड़ डॉलर चुकाने हैं।