सिंगापुर के साथ भारत ने की स्ट्रैटजिक पॉर्टनरशिप
नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा पर सिंगापुर पहुंचे हुए हैं. भारत और सिंगापुर ने गुरुवार को अपने संबंधों को ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ाया. दोनों देशों ने सेमीकंडक्टर उद्योग में सहयोग सहित चार सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए. इस दौरान सिंगापुर की कंपनियों ने अगले कुछ वर्षों में लगभग 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर (5 लाख करोड़ रुपये से अधिक) निवेश करने का संकल्प लिया. पीएम मोदी ने सिंगापुर को विकासशील देशों के लिए एक मॉडल बताया और प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ अपनी वार्ता के दौरान कहा कि भारत अपने खुद के ‘कई सिंगापुर’ बनाना चाहता है.
उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. उन्होंने उन्नत विनिर्माण, संपर्क सुविधा, डिजिटलीकरण, स्वास्थ्य सेवा एवं चिकित्सा और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं की व्यापक समीक्षा की.विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा की.बयान में कहा गया है कि द्विपक्षीय संबंधों की व्यापकता और गहराई तथा अपार संभावनाओं को देखते हुए उन्होंने (मोदी और वांग ने) संबंधों के दायरे को विस्तार देते हुए इन्हें ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक पहुंचाने का फैसला किया. इससे भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति को भी बढ़ावा मिलेगा.’
पीएम मोदी ने सिंगापुर को भारत की एक्ट ईस्ट नीति का महत्वपूर्ण सूत्रधार बताया. उन्होंने कहा, “हमारी रणनीतिक साझेदारी एक दशक पूरा कर रही है. पिछले 10 वर्षों में हमारा व्यापार दोगुने से भी अधिक हो गया है. आपसी निवेश लगभग तीन गुना बढ़कर 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है.” पिछले दस वर्षों में सिंगापुर के 17 उपग्रहों को भारतीय धरती से प्रक्षेपित किए जाने का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कौशल से लेकर रक्षा क्षेत्र तक द्विपक्षीय सहयोग में तेजी आई है. उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि आज हम अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जा रहे हैं.”