Narayana Murthy ने स्कूली बच्चों को कहा मेरे जैसे न बने
नई दिल्ली – इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति को काफी लोग अपना आदर्श मानते हैं। टेक की दुनिया से जुड़े काफी लोग उन्हें फॉलो भी करते हैं और उनके पदचिन्हों पर चलने की कोशिश करते हैं। वहीं नारायण मूर्ति ने 12 साल के एक बच्चे से कहा कि वह उनके पदचिन्हों पर न चले। एक स्कूल के कार्यक्रम में बोलते हुए नारायण मूर्ति ने कहा कि मेरे पदचिन्हों पर चलने से बेहतर है कि आप अपना रास्ता खुद चुनें और देश के निर्माण में अपना योगदान दें।
इस बच्चे ने नारायण मूर्ति से पूछा था कि इंफोसिस के को-फाउंडर के तौर पर आप कैसा महसूस करते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि आपको किसी के नक्शेकदम पर चलने की जरूरत नहीं है. आपको अपना खुद का रास्ता बनाना पड़ेगा। आपको अपने काम से एक अंतर पैदा करना होगा।इंडिया लीडर्स वीक (India Leaders Week) कार्यक्रम के दौरान नारायण मूर्ति ने स्टूडेंट्स से बात करते हुए कहा कि मेरे पिता ने मुझे टाइमटेबल के जरिए समय का सही इस्तेमाल सिखाया था।इससे मुझे जीवन की परीक्षाओं के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने में बहुत मदद मिली।आप सभी को अनुशासन का महत्व समझना पड़ेगा।
नारायणमूर्ति ने कहा कि मैं विज्ञान और गणित में तो अच्छा था लेकिन इतिहास, नागरिक शास्त्र और भूगोल में थोड़ा कमजोर था। उन्होंने छात्रों को बताया कि उनके पिता ने उन्हें टाइम टेबल के माध्यम से टाइम मैनेजमेंट सिखाते थे, जिससे ही उन्होंने समय प्रबंधन का महत्व सीखा है। उनका कहना था कि उनके पिता द्वारा सिखाया अनुशासन का यह पाठ उन्हें तब काम आया जब उन्होंने SSLC परीक्षा में राज्य में चौथा स्थान प्राप्त किया था। उन्होंने कहा कि उनके पिता के निरंतर सुधार पर जोर देने ने उन्हें एकेडमिक रूप से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
नारायण मूर्ति ने बताया कि निस्वार्थ से किसी के साथ कोई चीज शेयर करना काफी खुशी देता है। उन्होंने शुरुआत के दिनों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने स्कॉलरशिप मिली थी। उस पैसे में से उन्होंने एक जोड़ी कपड़े खरीदे। मां ने उन कपड़ों को भाई को देने को कहा, जिसका शुरू में उन्होंने विरोध किया। अगले दिन, मूर्ति ने कपड़े अपने भाई को सौंप दिए। इससे उन्हें काफी खुशी हुई।
नारायण मूर्ति ने युवा छात्रों को अनुशासन, नेतृत्व, उदारता, जिम्मेदार नागरिकता और टीमवर्क के मूल्यों को अपनाते हुए अपने अनूठे रास्ते बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि हर शख्स को जिम्मेदार नागरिक बनना चाहिए। ऐसा काम करना चाहिए जो राष्ट्र के हित में हो।