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RBI ने यूनियन बैंक और मुथूट हाउसिंग फाइनेंस को लगाया भारी जुर्माना, ग्राहकों पर क्या होगा असर?

नई दिल्ली – भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) इन दिनों बैंकों और फाइनेंस कंपनियों पर सख्ती से नजर रख रहा है. बैंकों और फाइनेंस कंपनियों की ओर से नियमों के उल्लंघन पर आरबीआई एक्शन (RBI Action) मोड में नजर आ रहा है. सोमवार को रिजर्व बैंक ने 2 बैंक और 3 फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. इसके तहत सीएसबी बैंक (CSB Bank), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) और मुथूट हाउसिंग फाइनेंस (Muthoot Housing Finance) सहित पांच इकाइयों पर भारी जुर्माना (Monetary Penalty) लगाया गया है.

एक अन्य बयान में आरबीआई ने कहा कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने भी ‘अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी)’ पर कुछ मानदंडों का पालन नहीं किया। साथ ही, जोखिमों के लिए आवश्यक सेंट्रल रिपॉजिटरी बनाने के नियमों की अनदेखी की। इसके लिए बैंक पर 1.06 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की एक इकाई है, जिसकी 60 फीसदी हिस्सेदारी सरकार के पास है.

RBI ने CSB Bank पर वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में रिस्क मैनेजमेंट तथा आचार संहिता से संबंधित गाइडलाईन और शाखा प्राधिकरण पर मास्टर सर्कुलेशन से संबंधित कुछ निर्देशों का पालन न करने के चलते 1.86 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया.

केंद्रीय बैंक ने एक अन्य बयान में कहा कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) पर अपने नो योर कस्टमर यानी केवाईसी (KYC) से संबंधित कुछ मानदंडों का पालन न करने और अन्य कारणों से 1.06 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.मुथूट हाउसिंग फाइनेंस (Muthoot Housing Finance) कंपनी पर ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – आवास वित्त कंपनी (रिजर्व बैंक) निर्देश, 2021′ के कुछ प्रावधानों का पालन न करने के चलते पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

केंद्रीय बैंक ने एक अन्य विज्ञप्ति में कहा कि ‘नॉन-बैंकिंग फाइनेंसिंग कंपनी – हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (रिजर्व बैंक) डायरेक्शंस, 2021’ के कुछ प्रावधानों का पालन न करने पर मुथूट हाउसिंग फाइनेंस कंपनी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.आरबीआई ने मानदंडों का पालन न करने पर निडो होम फाइनेंस लिमिटेड पर 5 लाख रुपये और अशोका विनियोग लिमिटेड पर 3.1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

आरबीआई ने कहा कि प्रत्येक मामले में जुर्माना नियामकीय अनुपालन (Regulatory Compliance) में कमियों पर आधारित है और इनका संबंध इन इकाइयों के वित्तीय लेनदेन (Financial Transactions) से नहीं है. दरअसल, यह जुर्माना इस बात का संकेत है कि आरबीआई बैंकों को नियमों का पालन करने के लिए मजबूर कर रहा है. इससे बैंकिंग सिस्टम मजबूत होगा और भविष्य में ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मिल सकती हैं. इतना ही नहीं आपके पैसे सुरक्षित रहेंगे.

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