माधवी पुरी बुच के सपोर्ट में आया म्युचुअल फंड एसोसिएशन और हिंडनबर्ग के आरोप किए खारिज
नई दिल्ली – अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग (American short-seller Hindenburg) ने पहले अडानी समूह के खिलाफ रिपोर्ट पेश की थी और अब सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच (SEBI chief Madhavi Puri Buch) के खिलाफ विवादास्पद रिपोर्ट जारी की है. जिसके बाद फिर से नया बवाल शुरू हो गया. हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद माधवी पुरी बुच के समर्थन में भारतीय म्युचुअल फंड एसोसिएशन (Indian Mutual Fund Association) सामने आया है.
AMFI की तरफ से कहा गया कि बाजार में जो कुछ हो रहा है, उसे सही नजरिये से देखा जाना चाहिए. ऐसा लगता है कि कुछ लोग बेमतलब की बातें जोड़-तोड़ कर बड़ी खबरें बना रहे हैं. अगर ऐसा चलता रहा तो देश की तेजी से बढ़ती इकोनॉमी को नुकसान पहुंच सकता है. इन आरोपों में हमारे देश के नियमों और हालात को समझने की कमी है और ये हमारे देश की मेहनत से हासिल की गई उपलब्धियों को खराब करने की कोशिश है.
इससे पहले सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने रविवार को कहा था कि हिंडनबर्ग को हमारी तरफ से कई बार कारण बताओ नोटिस भेजे गए थे. मगर, उन्होंने जवाब देने के बजाय सेबी जैसी प्रतिष्ठित संस्था की साख पर सवाल खड़े किए हैं. ये बेहद दुखद है कि सेबी की विश्वसनीयता पर हमला बोलकर उसका चरित्रहनन किया जा रहा है. हिंडनबर्ग ने शनिवार देर रात तथाकथित दस्तावेज के हवाले से एक रिपोर्ट जारी कर माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच (Dhaval Buch) पर कई गंभीर आरोप लगाए थे.
एएमएफआई का कहना है कि मार्केट में जो भी कुछ हो रहा है उसे सही नजरिये से देखने की जरूरत है, लेकिन कुछ लोग स्थिति को जोड़-तोड़ कर बढ़ा-चढाकर बड़ी खबरे बना रहे हैं. ताकि सनसनी फैलाई जा सके. पहले अडानी के खिलाफ और अब सेबी चीफ के खिलाफ पेश की गई रिपोर्ट पेश की गई. यदि ऐसा ही जारी रहा तो इससे देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचेगा.ये हमारे देश को मेहनत से हासिल हुई उपलब्धियों को खराब करने का प्रयास है. इसलिए देश के और विदेशी निवेशकों को भारत की वित्तीय स्थिति पर भरोसा रखना चाहिए. भारत की वित्तीय स्थिति पारदर्शी और सुरक्षित है. देश के निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं. जो पारदर्शी बन रहा है.
हिंडनबर्ग की तरफ से आरोप लगाया गया कि बुच और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस में गुप्त रूप से कुछ विदेशी फंड्स में निवेश किया है. ये वही फंड्स हैं जिनका इस्तेमाल अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी ने कथित तौर पर पैसा घुमाने और शेयर की कीमतें बढ़ाने के लिए किया था. माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की तरफ से जारी संयुक्त बयान में इन आरोपों को पूरी तरह से झूठा बताया गया है.