Close
बिजनेस

तीन सरकारी बैंकों ने बढ़ाया ब्याज,होम और कार लोन पर पड़ेगा सीधा असर

नई दिल्ली – रिजर्व बैंक ने लगातार 9वीं MPC में रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया, लेकिन दूसरी ओर देश के तीन सरकारी बैंक यूको बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और केनरा बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (MCLR) में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. तीनों बैंकों ने अलग-अलग अवधि की ब्याज दरों में इजाफे का फैसला किया है. ऐसे में ज्यादातर ग्राहकों के होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन जैसे कर्ज महंगे हो गए हैं.

बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक और यूको बैंक ने MCLR यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट बढ़ा दिया. इसमें 5 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा हुआ है। इस फैसले से सबसे अधिक प्रभावित होम, ऑटो या पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहक होंगे. बैंक ऑफ बड़ौदा और केनरा बैंक की MCLR में बढ़ोतरी 12 अगस्त से लागू होगी। लेकिन, यूको बैंक यह इजाफा आज यानी 10 अगस्त से लागू हो गया है.बैंक ऑफ बड़ौदा ने तीन महीने के टेन्योर के लिए MCLR 8.45 फीसदी से बढ़ाकर 8.5 फीसदी कर दिया। वहीं, छह महीने की अवधि के लिए यह 0.05 फीसदी बढ़कर 8.75 हो गया.केनरा बैंक ने ऑटो और पर्सनल लोन के लिए एक साल की अवधि का MCLR नौ फीसदी कर दिया. यह पहले 8.95 फीसदी था. कोलकाता के यूको बैंक ने एक महीने की अवधि के लिए MCLR 8.3 फीसदी से बढ़ाकर 8.35 फीसदी कर दिया है.

पब्लिक सेक्टर के यूको बैंक ने भी अपनी ब्याज दरों में इजाफे का ऐलान किया है. बैंक ने अपने MCLR के साथ साथ अन्य बेंचमार्क रेट्स में भी बढ़ोतरी की है. बैंक का ओवरनाइट MCLR 8.20 फीसदी, एक महीने का MCLR 8.35 फीसदी, तीन महीने का MCLR 8.50 फीसदी, छह महीने का MCLR 8.80 फीसदी और एक साल का MCLR 8.95 फीसदी तक पहुंच गया है. वहीं बैंक का एक महीने का MCLR 6.85 फीसदी से बढ़कर 6.7 फीसदी, एक साल का TBLR 6.85 फीसदी पर पहुंच गया है. बैंक ने बाकी दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. नई दरें 10 अगस्त, 2024 यानी शनिवार से लागू हो गई हैं.

RBI ने MCLR सिस्टम 2016 में पेश किया था.यह असल में बेंचमार्क ब्याज दर है, जिसे बैंक अपना लेंडिंग रेट यानी कर्ज देने की ब्याज दर तय करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. इसका मतलब है कि बैंक किसी भी ग्राहक को इससे कम ब्याज दर पर कर्ज नहीं दे सकते.MCLR बढ़ने से उन कर्जदारों पर असर पड़ेगा, जिनके लोन इस दर से जुड़े होते हैं. उनके लोन की ब्याज दरें बढ़ेंगी और इसने ईएमआई और कुल कर्ज की लागत में भी इजाफा होगा.

Back to top button