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RBI का बड़ा फैसला,UPI की मदद से 5 लाख रुपये कर सकेंगे टैक्स पेमेंट

नई दिल्ली – यूपीआई के जरिए अब पांच लाख रुपये तक के टैक्स का भुगतान किया जा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यूपीआई के जरिए टैक्स पेमेंट की सीमा बढ़ाने की घोषणा की है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मंगलवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि यूपीआई अपनी सहज सुविधाओं से भुगतान का सबसे पसंदीदा तरीका बन गया है. वर्तमान में, यूपीआई के लिए कर भुगतान की सीमा एक लाख रुपये है.दास ने कहा कि विभिन्न उपयोग-मामलों के आधार पर, रिजर्व बैंक ने समय-समय पर पूंजी बाजार, आईपीओ सब्सक्रिप्शन, ऋण संग्रह, बीमा, चिकित्सकीय और शैक्षिक सेवाओं आदि जैसी कुछ श्रेणियों के लिए सीमाओं की समीक्षा की है और उन्हें बढ़ाया है.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौजूदा समय में, कुछ कैटेगरी के पेमेंट को छोड़कर, जिनमें ट्रांजेक्शन लिमिट ज्यादा है, यूपीआई के लिए पेमेंट की सीमा 1 लाख रुपये हैं. वहीं अब यूपीआई के माध्यम से टैक्स पेमेंट की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन करने का फैसला लिया गया है. इस कदम से ग्राहकों को यूपीआई के माध्यम से टैक्स पेमेंट करने में आसानी होगी.

दास ने कहा कि ‘डेलिगेटेड पेमेंट्स’ से एक व्यक्ति (प्राइमरी यूजर) को प्राथमिक उपयोगकर्ता के बैंक खाते पर किसी अन्य व्यक्ति (सेकेंडरी यूजर) के लिए यूपीआई लेनदेन सीमा निर्धारित करने की अनुमति मिलेगी. इससे देशभर में डिजिटल भुगतान की पहुंच और उपयोग में वृद्धि होने की उम्मीद है. इस संबंध में भी विस्तृत निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगें. इसके साथ ही आरबीआई ने अनधिकृत कंपनियों की जांच के लिए डिजिटल ऋण देने वाले ऐप के सार्वजनिक तौर पर आंकड़े तैयार करने का प्रस्ताव दिया है.

सामान्य यूपीआई पेमेंट के लिए लेनदेन की सीमा प्रति लेनदेन 1 लाख रुपये तक है. वहीं यूपीआई में लेनदेन की कुछ खास कैटेगरी जेसे कैपिटल मार्केट, कलेक्शन, इंश्योरेंस, फॉरेन इन्वार्ड रेमिटेंस के लिए यूपीआई की सीमा 2 लाख तक है. वहीं इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) और रिटेल डायरेक्ट स्कीम की सीमा प्रति लेनदेन 5 लाख रुपये तक है.

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